चकमा देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग का नया तरीका

चकमा देना मुहावरे का अर्थ, chakma dena muhavare ka arth aur vakya mein prayog

चकमा देना मुहावरे का प्रयोग हम अक्षर करते रहते  है । हम कहते है की उसने मुझे चकमा दे दिया । मगर हमे यह पता नही है की इसका अर्थ क्या है । तो आपको बता दे की इस लेख ‌‌‌में आपको चकमा देना मुहावरे के अर्थ के बारे में अच्छी तरह से समझाएगे । आपको बताएगे की इसका अर्थ और वाक्य प्रयोग क्या है तो लेख देखे-

चकमा देना मुहावरे का अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा (idiom in Hindi)‌‌‌अर्थ ‌‌‌या मतलब (Meaning in Hindi)
चकमा देनाधोखा देना ।

चकमा देना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

धोखा एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग पूरे इतिहास में नियमों के विरुद्ध जाने वाली किसी भी चीज़ का वर्णन करने के लिए किया गया है। आज के समाज में, लाभ प्राप्त करने के लिए तकनीक का उपयोग करने के लिए धोखा का भी उल्लेख किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आप एक वीडियो गेम खेल रहे हैं और आपका प्रतिद्वंद्वी आपसे लाभ प्राप्त करने के लिए चीट कोड का उपयोग करता है, तो आपने धोखा दिया है। धोखा कई प्रकार के होते हैं, कुछ दूसरों की तुलना में अधिक सामान्य होते हैं। ‌‌‌तो जो व्यक्ति आपको धोका दे देता है या फिर आप किसी को धोका दे देते हो तो इसे चकमा देना कहा जाता है ।

यानि चकमा देना मुहावरे का अर्थ धोका देना होता है और धोका कई तरह से दियार जा सकता है ।

चकमा देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग का नया तरीका

‌‌‌चकमा देना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग –

वाक्य में प्रयोग आज राहुल को उसके ही दोस्त ने चकमा देकर लाखो का चुना लगा दिया ।

वाक्य में प्रयोग महेश किसन को अपना भाई मानता था मगर उसने ही चकमा दे दिया ।

वाक्य में प्रयोग अजयदेवगन को सपना ने प्रेम में चकमा दे दिया ।

वाक्य में प्रयोग अगर वह किशोर तो किसी को भी चकमा दे सकता है उससे जरा बंच कर रहना ।

‌‌‌आखिर किसन ने महेश को चकमा क्यो दिया एक कहानी

किसी गाँव में महेश और किशन दो दोस्त हुआ करते थे, उनकी दोस्ती गहरी थी। महेश और किशन बचपन से ही अच्छे दोस्त थे। उन्होंने कृषि के प्रति अपने प्रेम को बांध लिया और अपना अधिकांश समय एक साथ अपने खेतों में काम करने में बिताया। हालाँकि, उनके गाँव के लोगों को यह बात पसंद नहीं थी कि दोनों लड़के हमेशा एक साथ रहते थे, क्योंकि वे इसे अनुचित मानते थे।

महेश और किशन दोनों अपने मतभेदों के बावजूद हमेशा साथ रहते हैं। किसान शाकाहारी है जबकि महेश मांस खाता है। किशन को पढ़ना अच्छा लगता है जबकि महेश को अपने खेत में काम करना अच्छा लगता है। उनके मतभेदों के बावजूद, उनके बीच एक मजबूत बंधन है जो वर्षों से चला आ रहा है।

महेश हमेशा किशन के लिए मौजूद रहता था, वह कुछ भी करता था और वह सब कुछ करता था जो बड़े आदमी ने पूछा था। किशन पर महेश का सब कुछ बकाया था, और महेश यह जानता था। ‌‌‌मगर एक दिन महेश को काफी पैसे मिले थे जो की अपने कमरे में लाकर रख दिए । उसी रात किशन भी वहां पर था और उसने यह सब देख लिया और पैसो की लालच ने किशन को अंधा कर दिया और पैसे चुराने पर मजबुर कर दिया । किशन ने कमरे से महेश के सारे पैसे चुरा लिए और फरार हो गया ‌‌‌।

अगले दिन जब महेश को इस बारे में पता चला तो उसके पैरो तले से जमीन खिचक गई । क्योकी वह कभी यह सोच तक नही सकता था की उसका मित्र उसके साथ इतना बड़ा धोका कर सकता है। मगर फिर महेश ने यह ठान लिया की वह इस बारे में किसी को नही बताएगा । जब तक वह किशन को पकड़ कर उससे सचाई के बारे में नही पूछ लेता ‌‌‌तब तक वह किसी को नही बताएगा । यह बात महेश ने केवल अपने ही मन में रखी । कुछ समय बितने के बाद में महेश को किसन दिखा तो महेश ने किशन से पूछा की आखिर उसने चोरी क्यो की ।

मगर महेश चकमा देकर वहां से चला गया । यह देख कर महेश को पता चल गया की यही चोर है । मगर तभी महेश के पिता को इस चोरी के बारे में ‌‌‌पता चल गया । जिसके कारण से गाव में काफी बड़ा बवाल खड़ा हो गया । क्योकी किशन कह रहा था की उसने कोई चोरी नही की और महेश कह रहा था की चोरी की है । तो इस तरह से दोनो की दोस्ती नष्ट हो गई । किसन और महेश की दोस्ती टूटने के कारण से गाव के लोग काफी खुश थे ।

‌‌‌समय बितता जा रहा था और महेश को किसन के साथ अब रहना भी पसंद नही था और दोनो की दोस्ती टूट चुकी थी जिसके कारण से महेश और किसन आपस में एक दुसरे से नफरत करने लगे थे । एक दिन की बात है किशन को पैसो की जरूरत पड़ी तो वह महेश से मांग लेता है। तब महेश ने भी उसे पैसे देने की सोची मगर उसके पिता ने ‌‌‌पूरानी बाते याद दिलवाई तो महेश ने पैसे देने से मना कर दिया । इस तरह से महेश ने किसन को पैसे नही दिए ।

अब महेश किसन से किसी तरह से अपने पैसे वापस निकलवाना चाहता था जो की किसन ने चोरी किए थे । मगर किसन जो है वह देने को तैयार नही था । तो अंत में थक हार कर महेश ने किसन को चकमा दे दिया और ‌‌‌पैसे ले लिए । तो इस तरह से महेश ने जैसा का तैसा करते हुए अपने पैसे वापस निकलवाए थे । और जब किसन को पता चला की महेश ने उसे चकमा दे दिया है तो उसे भी अपने द्वारा कि गई गलती के बारे में पश्चाताप होने लगा । मगर अब क्या हो सकता था दोनो की इतनी गहरी दोस्ती जो थी वह टूट चुकी थी ।

‌‌‌इस तरह से चकमा देना का प्रयोग कहानी में किया गया था । वैसे आपको पता चल गया होगा की चकमा देना मुहावरे का अर्थ होता है धोका देना और जहां पर धोका देने की बात हुई है वही पर इस मुहावरे का वाक्य में प्रयोग हुआ है ।

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