खेत रहना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग , khet rehna muhavare ka arth aur vakya prayog
प्रसिद्ध हिंदू मुहावरो की लिस्ट में खेत रहना मुाहावरा भी एक होता है । क्योकी यह जो मुहावरा है वह महत्वपूर्ण होता है ओर इसके बारे में अधिक लोगो को पता तक नही होता है । तो अगर आप खेत रहना मुहावरे के अर्थ और इसके वाक्य में प्रयोग के बारे में नही जानते है तो आपको बता दे की आप बिल्कुल सही स्थान पर आए है । यहां पर आपको यह जानने को मिलेगा की खेत रहना मुहावरे का अर्थ क्या है और इसका वाक्य में प्रयोग हम किस तरह से कर सकते है ।
खेत रहना मुहावरे का अर्थ क्या होता है
मुहावरा (idiom in Hindi) | अर्थ या मतलब (Meaning in Hindi) |
खेत रहना | वीरगति को प्राप्त हो जाना । |
अक्षर आज के समय में मानव खेत के लिए एक दूसरे से झगड़ा कर लेते है और इस बारे में हमे आपको समझाने की जरूरत नही है क्योकी आपको यह पता है । आप जानते है की खेत वह होता है जिसमें हम फसल बोते है और इसी खेत को हासिल करने के लिए लोग एक दूसरे से झगड़ा कर लेते है । मगर कभी कभार समाने वोल की मृत्यु तक हो जाती है । ठिक ऐसे ही भारत देश की भुमी की हिफाजत करने के लिए सेनिक की मृत्यु हो जाती है । मगर इसे सेनिक विरगति को प्राप्त हो गया कहा जाता है । तो इस तरह से विरगति को प्राप्त होना इस मुहावरे का अर्थ होता है।
खेत रहना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए
- भारत की हिफाजत के लिए आज अनेक सेनिको ने खेत रह गए ।
- वोटिंग के कारण से हो रहे दंगो के कारण से बहुत से लोग खेत रह गए ।
- इन लड़ाई झगड़ो के कारण से कई लोग खेत रह गए ।
- छोटे से जमीन के टुकड़ो के कारण से पीछली काफी पीडी के लोगो को खेत रह गए ।
खेत रहना मुहावरे पर प्रसिद्ध कहानी (आखिर क्यो हुआ साधु वीरगति को प्राप्त)
दुनिया में राजा और उनके शहर हमेशा शक्ति और प्रभाव के स्रोत रहे हैं। सदियों से, राजाओं ने अपने शहरों का उपयोग अपनी प्रजा पर नियंत्रण बनाए रखने और अपने क्षेत्रों की रक्षा के लिए किया है। हालाँकि, प्राचीन काल में, एक अलग तरह का राजा था। वह नगर का राजा था – बलवान राजा जो जो चाहे कर सकता था और कोई उसे रोक नहीं सकता था। इस प्रकार का राजा विशेष रूप से शक्तिशाली था क्योंकि उसका अपने नगर पर नियंत्रण था। प्राचीन शहरों के राजा प्रभावशाली गिरजाघरों, गैरीसन सैनिकों का निर्माण करने और कानूनों को आसानी से लागू करने में सक्षम थे।
पास में एक साधु बाबा हुआ करते थे जो लोगों के दुख दूर करने के लिए उन्हें ज्ञान देते थे। दुर्भाग्य से, कुछ साल पहले उनका निधन हो गया। उनके शिष्य अभी भी आते हैं और अपनी परेशानियों से आराम पाने के लिए उनके विश्राम स्थल का दौरा करते हैं। मगर एक दिन फिर से वहां पर एक साधु आ जाता है । और लोगो को लगता है की वह वही साधु बाबा है जो पहले यहां पर रहते थे ।
साधु बाबा, जैसा कि वे अपने भक्तों के लिए बेहतर जाने जाते थे, एक धार्मिक व्यक्ति थे जिन्होंने 20वीं शताब्दी की शुरुआत में लोगों को ज्ञान देना शुरू किया था। वह लोगों को अच्छी बातें बताने लगा और जल्द ही उसके अनुयायियों ने भी उसका अनुसरण किया। कहा जाता है कि साधु बाबा ने कई लोगों को उनकी बीमारियों से ठीक किया और उन्हें जीवन के बारे में एक नया दृष्टिकोण दिया।
साधु बाबा की ज्ञान भरी बाते लोगो को अच्छा महसुस करवाती थी । उनकी शिक्षाओं ने कई लोगों को अपने बारे में अच्छा महसूस करने में मदद की है, भले ही समय कठिन हो। उसके शब्द आपको सहज महसूस कराने में मदद कर सकते हैं और आपको अपने जीवन को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
तभी एक बार उसी राज्य में किसी अन्य राजा ने हमला कर दिया । दुर्भाग्य से वहां पर उस समय राजा नही था जिसके कारण से सेनिको को युद्ध लड़ने की आज्ञा देने वाला कोई नही था । ऐसे में साधु बाबा को राज्य की हिफाजत के लिए स्वयं को युद्ध में उतरना पड़ा और सेनिको को भी युद्ध लड़ने को कहा ।
राजा भी साधु की बात मानता था जिसके कारण से सेनिको ने युद्ध लड़ना शुरू कर दिया और सामने वाले राजाओ को युद्ध में हराना शुरू कर दिया गया । सिपाहियों ने साधु की आज्ञा का पालन किया और युद्ध करने लगे। हालाँकि भिक्षु को युद्ध का कोई अनुभव नहीं था, वह जानता था कि यह एक युद्ध था और एक सेनापति होना चाहिए। उसने एक कप्तान पाया और उसे आदेश दिया। कप्तान पहले तो हिचकिचाया, लेकिन साधु की बातें सुनकर वह दृढ़ निश्चय के साथ युद्ध करने लगा। मठ के भिक्षुओं ने जादू-टोना करके और घावों को ठीक करके अपने क्षेत्र की रक्षा करने में मदद की। उन्होंने लड़ाई जीतने में मदद करने के लिए तत्वों को नियंत्रित करने के लिए अपने दिमाग का भी इस्तेमाल किया।
मगर साधु बाबा ने स्वयं ने युद्ध किया और दुर्भाग्य से युद्ध में साधु की मृत्यु हो गई । उनकी मृत्यु उनके राज्य और लोगों के लिए एक बड़ी क्षति थी। वे एक महान नेता और उनके अधिकारों के रक्षक थे। दरबारी, रानी और सेनापति सभी ने भारी मन से साधु बाबा की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया। वे जानते थे कि प्रतिद्वंद्वी राज्य पर उनकी विजयी जीत में वह अपरिहार्य थे, लेकिन वे यह भी जानते थे कि उनके नेतृत्व के बिना, वे खराब प्रदर्शन करेंगे। मगर तभी वहां पर राजा ने आकर राज्य को संभालना शुरू कर दिया ।
तब प्रजा ने कहा की हमको बचाने के लिए साधू बाबा खेत रह गए ।
राजा ने साधु की युद्ध में मृत्यु पर शोक प्रकट किया और साधु की वीरगति के कारण से उनकी गाव में मृर्ति बनाई गई । और यह देखकर राज्य के लोग काफी खुश हुए । अब लोग साधु बाबा की बताई गई बातो को याद रखते हुए उनकी मुर्ति के सामने जाते और उनकी पूजा करते थे । साथ ही उन बातो पर चलते थे ।
इस तरह से दोस्तो साधु बाबा को अपनी प्रजा को बचाने के लिए विरगति को प्राप्त होना पड़ा था । तो इस तरह से दोस्तो साधू बाबा महान थे ।
इस तरह से दोस्तो खेत रहना मुहावरे का अर्थ विरगति को प्राप्त होना होता है ।