दाँतों तले उँगली दबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग लिखे और एक कहानी भी बताइए

danto tale ungli dabana muhavare ka arth aur vakya prayog, दाँतों तले उँगली दबाना मुहावरे का अर्थ

कुछ लोग होते है की वे दांतो के निचे उंगली दबा लेते है । मगर इसका सही कारण क्या होता है वह एक अलग बात है । हम बात‌‌‌ एक मुहावरे की कर रहे है जो की दांत तले उंगली दबाना ही है । मगर इसका सही अर्थ क्या होता है और सही तरह से वाक्य में प्रयोग किस तरह से किया जाता है जैसी जानकारी हम इस लेख में जानने वाले है तो आइए शुरू करते है –

“ दाँतों तले उँगली दबाना ” मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा बताइए

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
दाँतों तले उँगली दबानाआश्चर्यचकित रह जाना या दंग रह जाना 

दाँतों तले उँगली दबाना मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे

आपके हाथ की जो उगुलियां है उन्हे ही उंगली कहा जाता है । वैसे आपको यह मुहावरा समझने के लिए एक उदहारण लेना होगा । मान ले की आप स्वयं है जो की किसी स्थान पर बैठे है और आप जो हो वह कुछ समय के बाद में ऐसा देखते हो जो की आपको आश्चर्यचकित ‌‌‌कर देता है । वैसे इस संसार में ऐसा कहा जाता है की जो व्यक्ति आश्चर्यचकित होता है वह कुछ समय के लिए दांतो तले उंगली भी देता है । ‌‌‌वैसे आश्चर्यचकित होने को दंग रह जाना, हैरान हो जाना, हक्का बक्का हो जाना भी कहा जाता है ।  तो इस आधार पर यह कहना गलत नही होगा की दांतो तले उंगली दबाना मुहावरे का अर्थ आश्चर्यचकित रह जाना या दंग रह जाना  होता है ।

दाँतों तले उँगली दबाना

दाँतों तले उँगली दबाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए

1. वाक्य में प्रयोग शेयर बाजार से राकेश झुनझुनवाला एक दिन के 25 हजार रूपय कमा लेते है यह सुन कर हर कोई दांतो तले उंगली दबा लेता है ।

2. वाक्य में प्रयोग जब मैंने पानी में तेरने वाले पत्थरो के बारे में सुना तो दांतो तले उंगली दबा ली ।

3. वाक्य में प्रयोग बेटे ने रातो रात घर में गाडी लाकर खड़ी कर दी और यह सब देख कर आस पड़ोस के लोग दांतो तले उंगली दबाने लग ‌‌‌गए ।

4. वाक्य में प्रयोग महारानी लक्ष्मी बाई को युद्ध में वीरो की तरह लड़ते देख कर अंग्रेजो ने दांतो तले उंगली दबा ली।

5. वाक्य में प्रयोग जब अंग्रेजो ने देखा की लक्ष्मी बाई अपने बच्चे के साथ युद्ध कर रही है तो उन्होने दांतो तले उंगली दबा ली ।

‌‌‌चूहा और चूहिया ने दांतो तले उंगली दबाई, एक मजेदार कहानी

एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में एक चूहा रहता था जो अपने आस-पास के सभी चीजों को जानता था। एक दिन वह अपने घर के पास से गुजरता हुआ एक चूहिया को देखा। वह चूहिया बहुत ही सुंदर थी और चूहा ने उसे देखते ही अपनी निगाहें नहीं हटायीं। चूहिया भी उसे देखती रही और उसके पास आकर बैठ गई।

चूहा ने उसे अपने साथ बातचीत करने की प्रार्थना की और चूहिया ने स्वीकार कर लिया। उन्होंने बातचीत करते हुए देखा कि दोनों में कुछ विशेष बातें अलग-अलग होती हैं। उन्होंने एक-दूसरे को अपने विशिष्टताओं के बारे में बताया और उनकी सूझबूझ बढ़ती गई। चूहा ने चूहिया को अपने घर लेकर गया और अपना सुंदर सा घर दिखवाया । चूहिया घर देख कर खुश हो गई और वहां पर बैठ गई ।

इस तरह चूहा और चूहिया एक-दूसरे के साथ वक्त बिताते हुए एक दूसरे की सहायता करना शुरू कर दिया। चूहा और चूहिया ने एक साथ खाना खाना शुरू किया और उन्होंने अपनी जिंदगी के सभी पहलुओं को एक साथ समझा।

उन्होंने एक-दूसरे को समझाया कि उन्हें कैसे अपने आप पर भरोसा करना चाहिए और कैसे एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। ‌‌‌अब वे एक दूसरे के अच्छे दोस्त बन गए थे और हमेशा साथ खेलने के बारे में बात करने लगे थे ।

एक दिन, चूहे ने देखा कि उनकी दोस्त चूहियां बहुत दूर चली गई हैं। वह अब बिना किसी सहायता के अकेला हो गया था। वह अपनी दोस्तों को बहुत याद करता था, लेकिन वे उससे बहुत दूर चले गए थे और वह उनसे मिलने के लिए नहीं जा सकता था।

इस तरह कुछ समय बीता और चूहे ने अपनी दोस्त चूहियों से कभी नहीं मिला। फिर एक दिन उसे एक आदमी की जेब में खाने की चीज़ मिली। चूहे को यह सोचते हुए कि चूहियां उसे कभी नहीं ढूंढेंगी और वह अकेला है, उसने उस खाने की चीज़ को खा लिया।

‌‌‌काफी समय बित जाने के बाद में चूहिया चूहा के पास वापस आती है और चूहे को देखती है तो वह काफी निराश हुआ बैठता है । क्योकी अब चूहे को चूहिया से प्रेम हो चुका था जिसके कारण से वह उसका साथ न होने के कारण से उदास था ।  ‌‌‌समय बित जाने पर जब चूहे की नजर चूहियां पर पड़ती है तो वह देख कर दांतो तले उंगली दबा लेता है । क्योकी चूहिया जो थी वह काफी अधिक सुंदर लग रही थी और अनोखे तरह के कपड़े पहने थे । यह सब देख कर चूहे को काफी अच्छा लगता है ।

‌‌‌चूहा और चूहिया ने दांतो तले उंगली दबाई, एक मजेदार कहानी

तब चूहा ने चूहिया से कहा की इतने समय तक तुम कहा थी । मैं तुम्हारे बिना ‌‌‌जीवन जी नही पा रहा था । तब चूहिया ने बताया की वह पास के ही गाव में अपनी भूआ के पास गई थी । और वहां पर रहने के कारण से वह आ नही सकती थी । तब चूहा ने अपने प्रेम का इजहार किया जिसे देख कर चूहिया ने दांतो तले उंगली दबा ली और कुछ समय के बाद में चूहिया ने चूहे के प्यार को स्वीकार किया ।

‌‌‌तब चूहिया ने चूहे से कहा की मैं तुमसे प्रेम तो करती हूं मगर इकसे लिए तुम्हे मेरे पिता से बात करनी होगी । चूहा दांतो तले उंगली दबा लेता है क्योकी वह इंसानो की तरह बात कर रही थी । तब चूहे ने कहा की ठिक है मैं तुम्हारे पिता से बात करता हूं । और अगले दिन चूहा चूहिया के पिता से बात करता है ‌‌‌और उन्हे राजी करता है। जिसके कारण से चूहा और चूहिया का विवाह हो गया और अब दोनो साथ साथ चूहा के बिल में रहने लगे थे । समय बितता गया और अब चूहा के घर मे नन्हे मुन्ने बच्चे भी खेलने कुदने लगे थे । और इस तरह से चूहा का जीवन काफी मजे से चल रहा था ।

चूहिया भी खुश थी क्योकी उसे एक अच्छा जीव‌‌‌न साथी जो मिल गया था और उसके साथ अपना जीवन बिता रही थी ।

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