dimag satve aasman par hona muhavare ka arth, दिमाग सातवें आसमान पर होना मुहावरे का अर्थ
अपने दिमाग को पकड़ कर रखे क्या पता की यह सातवे आसमान पर पहुंच जाए ………… मजाक कर रहे है ऐसा नही होगा ।
दरसल हम बात कर रहे है दिमाग सातवे आसमान पर होना मुहावरे के बारे में । तो हम इस लेख में मुहावरे के अर्थ और वाक्य में प्रयोग के बारे में जान लेगे तो आइए शुरू करते है –
दिमाग सातवें आसमान पर होना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा
मुहावरा हिंदी में (idiom in Hindi) | मतलब या अर्थ (Meaning in Hindi) |
दिमाग सातवें आसमान पर होना | अत्याधिक या बहुत अधिक घमंड होना । |
दिमाग सातवें आसमान पर होना मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे
वैसे दिमाग जो होता है उसे बुद्धिमान माना जाता है । और मनुष्य के पास जब दिमाग होता है तो वह जो चाहे कर सकता है । मगर कभी कभार मानव को घमंड हो जाता है और जिसके कारण से मानव को लगता है की उसका दिमगा उच्चा उठ रहा है । और जब यह घमंड बहुत अधिक हो जाता है तो दिमाग उच्चा जाता हुआ सातवे आसमान पर पहुंच जाता है । ऐसा हम नही कहते बल्की आज के समाज में कहा जाता है ।
तो इस बात से यह समझ में आता है की दिमाग सातवे आसमान पर होना मुहावरे का अर्थ अत्याधिक या बहुत अधिक घमंड होना होता है ।
विद्वानो मुहावरे के बारे में इतनी जानकारी काफी नही है । आपको वाक्य में प्रयोग के बारे में भी तो जानना चाहिए । तो आइए जानते है
दिमाग सातवे आसामन पर होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग
1. वाक्य में प्रयोग – महेश अभी ही कंपनी में नोकरी लगा था और अभी ही उसे कंपनी का मनेजर बना दिया जिसके कारण से महेश का दिमाग सातवे आसमान पर हो गया ।
2. वाक्य में प्रयोग – जब से राधेश्याम सराकरी जॉब लगा है तब उसे उसका दिमाग सातवे आसमान पर पहुंच चुका है ।
3. वाक्य में प्रयोग – पप्पू पहलवान को आज तक कोई हरा तक नही पाया और यही कारण है की हमेशा उसका दिमाग सातवे आसमान पर रहता है ।
4. वाक्य में प्रयोग – जब राहुल ने 10 वी कक्षा में 99 प्रतिशन बना लिए तो उसका दिमाग सातवे आसमान पर पहुंच गया ।
5. वाक्य में प्रयोग – किसन शेयर बाजार में सफल क्या हो गया उसका दिमाग तो सातवे आसमान पर पहुंच गया है।
6. वाक्य में प्रयोग – किसन एक पुलिसकर्मी है और उसने एक खतरनाक गुंडे को पकड़ लिया जिसके कारण से अफसरो ने उसकी काफी तारिफ की और यही कारण है की आज उसका दिमगा सातवे आसामन पर है ।
7. वाक्य में प्रयोग – अरे तुम किससे मदद मागने की कोशिश कर रहे हो इसका दिमाग तो सातवे आसमान पर पहुंच चुका है ।
8. वाक्य में प्रयोग – चंद्रशेखर की मुलाकात देश के प्रधानमंत्री से हो गई जिसके कारण से चंद्रशेखर का दिमाग सातवे आसमान पर पहुंच चुका है।
चीता (Leopard) का दिमाग सातवे आसामन पर पहुंच गया, एक कहानी
एक बार जंगल में एक चीता (Leopard) रहता था जिसे अपनी तेज दौड़ और ताकत पर अधिक गर्व था। वह अपनी दौड़ में इतना महिर था कि अन्य जंगली जानवर उसे देखते ही डर जाते थे। चीता (Leopard) अपनी ताकत और तेज दौड़ पर इतना गर्व करता था कि वह दूसरों को उपेक्षा करता था। वह अपनी जगह से नीचे मानता था जब भी कोई उसे अपने सामने लाने की कोशिश करता था।
चीता (Leopard) को यह बहुत अच्छा लगता था। वह अपने आप को सबसे ऊपर समझता था और अन्य जानवरों से बेहतर होने का अहसास करता था। उसने अन्य जानवरों के साथ अच्छा नहीं किया और उन्हें छोटा करने की कोशिश की।
एक दिन, चीता (Leopard) को एक जंगली तेंदुआ मिला। चीता (Leopard) ने तुरंत उससे दौड़ना शुरू किया और उसे पकड़ने की कोशिश की। तेंदुआ ने धीरे से दौड़ा और चीता (Leopard) को पीछे छोड़ दिया। चीता (Leopard) हैरान था और उसे लगा कि उसे कैसे हार मानना पड़ गया। चीता (Leopard) को समझ में नही आया की आखिर एक तेंदूए ने मुझे कैसे हरा दिया था । क्योकी चिता काफी चालाक और तेज अपने आप को मानता था ।
चीता (Leopard) ने दोबारा कोशिश की और फिर एक और जंगली तेंदुआ मिला। चीता (Leopard) ने फिर से तुरंत उससे दौड़ना शुरू किया, लेकिन इस बार भी वह हार गया। इस तरह से होने के कारण से चिता हैरान हो गया उसे समझ में नही आ रहा था की आखिर हो क्या रहा है । चीता (Leopard) को समझ में नही आया की आखिर वह क्यो बार बार हार रहा है।
चीता (Leopard) जो था वह अब तेंदूआ से बात करता है तो वह कहता है की देखो भाई चीता (Leopard) तुम्हारा दिमाग सातवे आसमान पर पहुंच चुका है । और जिस किसी का दिमगा सातवे आसमान पर होता है वह हार जाता है। चीता (Leopard) अब बेहतर महसूस कर रहा था क्योंकि उसे समझ में आ गया था कि उसका अधिक घमंड उसे नुकसान पहुंचा रहा था। वह अन्य जंगली जानवरों से अलग हो गया था और उनसे नहीं संवाद करता था।
चीता (Leopard) अब इसे बदलने का फैसला किया था। वह जंगल के अन्य जानवरों से मिलने लगा और उनसे बातें करने लगा। उसने सीखा कि जंगल में सभी जानवर एक दूसरे के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और हर जानवर के पास कुछ न कुछ शिक्षा होती है। और यह सब जान कर चिता हैरान पर हैरान होता जा रहा था । क्योकी उसका दिमाग धिरे धिरे निचे आने लगा था ।
चीता (Leopard) अब धीरे-धीरे अन्य जानवरों से सहयोग भी लेने लगा। वह जंगल के अन्य जानवरों से एक जानवर के बारे में सीखा जिसकी तेज धार थी और उसने उस जानवर को देखने का फैसला किया। चीता (Leopard) अब सीख गया था कि अन्य जानवरों से सहयोग करने से वह बेहतर हो सकता है। उसने जंगल के अन्य जानवरों से भी सहयोग लिया और अब उसे जंगल में और अधिक सम्मान मिलने लगा।
इस तरह से चीता (Leopard) को एक वर्ष बित गया । और तभी वह तेंदूआ उसे एक दिन फिर से मिलता है और इस बार तेंदूआ उसे बताता है की देखो भाई चीता (Leopard) मुझे लगता है की अब तुम्हारा दिमगा सातवे आसामन पर नही है । और यह सुन कर चीता (Leopard) खुश हो गया और उसने तेंदूआ से कहा की चलो इस बार फिर से रेश लगाते है । दोनो तैयार हो जाते रेश शुरू होती है मगर अब तेंदूआ पीछे रह जाता है और चीता (Leopard) जीत जाता है । इससे चीता (Leopard) को समझ में आता है की घमंड कभी नही करना चाहिए ।
तो इस तरह से चीता (Leopard) फिर अपने जीवन में कभी भी घमंड नही करता है ।