डूबते को तिनके का सहारा मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग समझिए

doobte ko tinke ka sahara muhavare ka arth bataiye, डूबते को तिनके का सहारा मुहावरे का अर्थ

तिनके में न तो मजबुती होती है और न ही वह बड़ा और लंबा होता है जिसके कारण से वह डूबते हुए को कभी बचा ही नही सकता है । मगर फिर भी यह मुहावरा ‌‌‌बना हुआ है । तो आज हम इस लेख में जान लेगे की इस मुहावरे का अर्थ क्या है और वाक्य में प्रयोग किस तरह से किए जाते है –

डूबते को तिनके का सहारा मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
डूबते को तिनके का सहारामुसीबत ‌‌‌के समय मे थोडी सी साहयता काफी होती है ।

डूबते को तिनके का सहारा मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे

कहते है की अगर कोई डूबता है तो उसे अपनी जान बचाने के अलावा कुछ दिखाई नही देता है । जिसके कारण से वह अपने आस पास देखता है की क्या कोई उसकी जान बचा सकता है की नही । ऐसे में अगर किसी को मान लो की एक लकड़ी का टूकड़ा मिल जाता है जिसे ‌‌‌साधारण रूप से तिनका कहा जाता है तो क्या उससे बचा जा सकता है तो उत्तर होगा नही ।

मगर फिर भी जो व्यक्ति डूब रहा है वह उसका सहारा जरूर लेता है क्योकी उसे ऐसा विश्वास होता है की काश वह बच जाए । ‌‌‌तो इस बात से साफ हो जाता है की जो व्यक्ति डूब रहा है वह मुसीबत में है और तिनका जो है वह थोड़ी सहायता होती है । यानि ‌‌‌इस तरह से कह सकते है की डूबते को तिनके का सहारा और इसका मतलब मुसीबत ‌‌‌के समय मे थोडी सी साहयता काफी होती है होता है ।

डूबते को तिनके का सहारा मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे

‌‌‌डूबते को तिनके का सहारा मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए

1. वाक्य में प्रयोग कोविड 19 के चलते लोगो का जीवन काफी बड़े संकट में था और वे तभी वैक्सीनेशन ने डूबते के तिनके का सहारा के रूप में काम किया ।

2. वाक्य में प्रयोग रामू के घर में आग लग गई थी और आग बुझाने के लिए उसके पास कुछ नही था तो उसने मिट्टी ही डालनी शुरू कर दी क्योकी ‌‌‌डूबते को तिनके का सहारा ।

3. वाक्य में प्रयोग किशोर ने कहा की इस बार वर्षा हुई नही जिसके कारण से पूरा गाव अन्न की कमी में जीवन गुजारने वाला है मगर सरकार ने अन्न दान देकर डूबते को तिनके का सहारा के रूप में काम किया है।

4. वाक्य में प्रयोग रामू ने खेत में फसल उगा रखी थी मगर काफी समय तक वर्षा न हुई तो फसल नष्ट होने लगी मगर तभी रामू ‌‌‌को उसके पड़ोसी ने पानी दे दिया जिसने रामू की फसल के लिए डूबते को तिनके का सहारे के रूप में काम किया ।

‌‌‌शेर (Lion) को चूहे (Mice) ने बताया डूबते को तिनके का सहारा, एक मजेदार कहानी

एक बार एक शेर (Lion) जंगल में घूम रहा था। उस दिन बहुत गर्मी थी और शेर (Lion) को थकान महसूस हो रही थी। वह एक नदी के पास आ गया जहाँ वह ठंडा पानी पीने लगा। ‌‌‌शेर (Lion) ने जब ठंडा ठंडा पानी पिया तो उसे काफी शांति मिली । क्योकी गर्मी के अधिक होने के कारण से शेर (Lion) के पेट में आग सी लग रही थी । और पानी ने शेर (Lion) को ठंडक पहुंचाने का काम किया । शेर (Lion) ने अपनी तलवार उठा ली ताकि वह उसे जल से भरी नदी में भीगा सके।

‌‌‌शेर (Lion) काफी अधिक थक गया था और गर्मी भी अधिक लग रही थी जिसके कारण से शेर (Lion) नदी में डुबने लगा। ‌‌‌मगर अब शेर (Lion) पानी में तो चला गया वहां से बहार आना आसान नही था जिसके कारण से शेर (Lion) के जीवन में एक संकट सा आ गया । उसे बचाने के लिए बड़े-बड़े झाड़ियों और घास के डंठल भी थे, लेकिन वह उन्हें पकड़ने में नाकामयाब रहा।

इस दौरान एक छोटा सा चूहा (Mice) भी वहां से गुजर रहा था। जब वह शेर (Lion) को देखा तो उसने समझा कि शेर (Lion) को बचाने का कोई रास्ता नहीं होगा। तो उसने शेर (Lion) के पास जाकर बोला, “भाई शेर (Lion), आप डूब जाएंगे। आप मेरी मदद करें तो मैं आपको बचा सकता हूं।”

‌‌‌यह सुन कर शेर (Lion) हंसने लगा की भला तुम मुझे कैसे बचा पाओगे । तुम तो मुझसे काफी छोटे हो । और यह सुन कर चूहा (Mice) वहां से जाने लगा । मगर तभी शेर (Lion) को याद आया की डूबते को तिनके का सहारा काफी होता है और उसने चूहे (Mice) से मदद माग ली और चूहे (Mice) ने अपनी जुड़वाँ राखी बंध कर शेर (Lion) की जान बचा ली। ‌‌‌यह सब देख कर शेर (Lion) काफी हैरान हो जाता है क्योकी उसे एक चूहे (Mice) ने बचा लिया जो की उससे काफी अधिक छोटा था । इसके बाद शेर (Lion) चूहे (Mice) को धन्यवाद देकर उसे जाने दिया।

‌‌‌जब यह बस बाते जंगल के जानवरो को पता चली तो उन्हे यकिन नही हुआ । मगर अंत में उन्हे समझ में आया की डूबते को तिनके का सहारा काफी होता है । इस घटना के बाद से जंगल के सभी जानवर चूहे (Mice) के बारे में जानना चाहते थे। वे उसे अधिक सम्मान देने लगे थे और उसे अपना दोस्त मानने लगे थे।

चूहे (Mice) के बारे में इतनी बातें सुनकर शेर (Lion) ने भी उसे अपना दोस्त माना और दोनों दोस्त बन गए। शेर (Lion) चूहे (Mice) को कभी नहीं खाने की सोचता था लेकिन उसे एक दिन बुखार आ गया।

शेर (Lion) दुखी था क्योंकि उसके पास कोई दवा नहीं थी और वह बेहोश हो जाने वाला था। इस समय चूहे (Mice) ने शेर (Lion) के पास आकर उसका उपचार किया। उसने शेर (Lion) के लिए कुछ जड़ी बूटियों का उपयोग कर उसका बुखार कम किया और उसे बचा लिया।

शेर (Lion) को चूहे (Mice) के उपचार से बहुत अच्छा लगा और वह उसे अपना सच्चा दोस्त मानने लगा। दोनों जानवर अब एक-दूसरे के साथ बहुत अच्छे से रहते थे और उनकी दोस्ती के बारे में जंगल में लोगों को सीख मिलती थी।

‌‌‌इस कहानी से हमे समझ में आता है की अगर किसी के जीवन में समस्या होती है तो उसके लिए थोड़ी सी भी सहायता काफी होती है । वह जरूर किसी न किसी तरह से उसके लिए फायदेमंद हो सकती है ।

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