घड़ों पानी पड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

ghado pani padna muhavare ka arth hai, घड़ों पानी पड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

पानी को जल कहा जाता है और यह जब पड़ता है तो सब कुछ नष्ट कर सकता है । वैसे हम बात कर रहे है एक मुहावरे की जो है घड़ो पानी पड़ना । और इस लेख में हम केवल इसी मुहावरे ‌‌‌बारे में अच्छी तरह से जानेगे तो आइए शुरू करते है

घड़ो पानी पड़ना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
घड़ो पानी पड़नाअत्यधिक लज्जित होना ।

घड़ो पानी पड़ना मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे

वैसे आपको पता होगा की जब लोग शर्मिंदा होते है तो उनकी आंखो से कई बार पानी भी आने लग जाता है । जिसे हम आसु के नाम से जानते है । और जब बहुत अधिक आसु आते रहते है तो ऐसा लगता है की बहुत अधिक मात्रा में पानी पड़ रहा है ।

और ऐसा तभी होता है जब ‌‌‌कोई बहुत अधिक लज्जित हो जाता है । तो इस तरह से घड़ो पानी पड़ना मुहावरे का सही अर्थ बहुत अधिक लज्जित होना ही होता है ।

‌‌‌विद्वानो आपके लिए ज्ञान की हमेशा कमी रहेगी क्योकी जो ज्ञानी होते है उनको चाहे कितना भी ज्ञान दे दिया जाए उनके लिए हमेशा कम ही होता है । तो आपको वाक्य में प्रयोग भी जानने चाहिए ।

घड़ों पानी पड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

घड़ो पानी पड़ना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग अध्यापक ने सुरज को कक्षा में झगड़ा करते हुए पकड़ा तो पूरी कक्षा के सामने मुर्गा बना दिया, जिससे सुरज पर घड़ो पानी पड़ गया ।

2. वाक्य में प्रयोग अध्यापक ने सुनिता को मुंख से गलत बोलते देखा तो सुनिता को अध्यापक ने काफी भला बुरा कहा जिससे सुनिता पर घड़ो पानी पड़ गया ।

3. वाक्य में प्रयोग रामकिसन को उसके पिता ने जब गलत काम ‌‌‌करते देखा तो उसकी जम कर धुलाई की गई जिसके कारण से रामकिसन पर घड़ो पानी पड़ गया ।

4. वाक्य में प्रयोग जब पुलिसकर्मी ने चोर को पड़कर जैल में बंद कर दिया और अच्छी तरह से पीटाई की तब जाकर चोर पर घोड़ो पानी पड़ा ।

‌‌‌5. वाक्य में प्रयोग बैंक कर्मचारी अपने ग्राहको से गलत तरह से बात कर रहा था जिसके कारण से उसे काम से निकाल दियार गया जिसके कारण से कर्मचारी पर घड़ो पानी पड़ गया ।

6. वाक्य में प्रयोग जब सज्जन ने देखा की उसका ही बेटा अपने से बड़ो के साथ बदतमिजी कर रहा है तो सज्जन ने उसे काफी समझाया तब जाकर उसके बेटे पर घड़ो पानी पड़ा ।

‌‌‌क्यो लोमड़ी (fox) को ‌‌‌घड़ो पानी पड़ा, एक अनोखी कहानी

एक बार एक लोमड़ी (fox) जंगल में रहती थी। वह बहुत ही स्वतंत्र और बहुत ही शिकारी थी। वह अपने शिकार को ढूँढते ढूँढते अक्सर लोगों के घरों के आसपास भी जाती थी। ‌‌‌और जब शिकार लोमड़ी (fox) की नजर में आ जाता था तो लोमड़ी (fox) अपना शिकार कभी भी नही छोड़ती थी । लोमड़ी (fox) दूर से ही अपना शिकार देखर लेती थी मगर उसे लोगो के घरो के आस पास शिकार करना काफी पसंद रहता था ।

एक दिन, लोमड़ी (fox) एक घर के आसपास से गुजर रही थी जहां कुछ बच्चे (Children) खेल रहे थे। लोमड़ी (fox) अपने चाल-ढाल से बच्चों को खतरे में नहीं डालना चाहती थी, इसलिए वह उनके पास धीरे-धीरे गई। बच्चे (Children) लोमड़ी (fox) को देखते ही दौड़ने लगे और उसे भागने लगे। ‌‌‌क्योकी बच्चो को लगा की लोमड़ी (fox) उन्हे मार देगी । और यही कारण रहा था बच्चे (Children) काफी अधिक डर गए थे । लोमड़ी (fox) को यह बहुत अजीब लगा क्योंकि वह किसी तरह भी बच्चों को खतरे में नहीं डालती थी।

लोमड़ी (fox) ने बच्चों को दौड़ते हुए देखा और समझा कि वह उनसे बहुत अलग होती है। वह जानती थी कि बच्चों को डराना उचित नहीं होगा इसलिए वह वहाँ से जल्दी से दूर हो गई। ‌‌‌क्योकी उसे पता था की अगर वह ऐसा करेगी तो लोग उसे जान से मार देगे और फिर वह कभी भी जीवित नही रह सकती है ।

लेकिन लोमड़ी (fox) ‌‌‌के अब घड़ो पानी पड़ने लगा, लोमड़ी (fox) को अपने आप पर शर्म आ रही थी और वह सोचती रही कि उसने इस तरह से बच्चों को डराया कैसे जो उन्हें वास्तव में कोई खतरा नहीं था। वह जानती थी कि वह अब उन बच्चों के सामने कैसे जाएगी, क्योंकि वह उनके साथ खेलने की इच्छा नहीं रखती थी।

लोमड़ी (fox) दूसरे जंगल में चली गई और वहाँ उसने एक जानवर को देखा जो बच्चों के साथ खेल रहा था। वह जानवर बच्चों के साथ खेलता था और उन्हें संभालता भी था। लोमड़ी (fox) को यह देखकर बहुत खुशी हुई और वह सोचने लगी कि वह अपने आप को सुधारने की जरूरत है।

लोमड़ी (fox) फिर से उस घर के पास गई जहाँ बच्चे (Children) खेल रहे थे। इस बार वह उनके पास धीरे-धीरे गई और बच्चों से खेलने की इच्छा रखने लगी। बच्चों को देखकर वह खुश थी और वह उनसे खेलने के लिए उनसे बात करने लगी। उनसे खेलने के बाद, लोमड़ी (fox) बच्चों को बोली कि वह उनकी फ्रेंड बनना चाहती है और उनसे दोस्ती करना चाहती है

बच्चों ने लोमड़ी (fox) के साथ दोस्ती करने से सहमति दी और उन्होंने उसे बहुत स्नेह से स्वागत किया। लोमड़ी (fox) खुश थी कि वह अपने आप को सुधारने में सफल रही थी। वह बच्चों के साथ खेलती रही और उनसे दोस्ती करती रही। बच्चे (Children) उसे अपनी खेलने की अनेक तरह की गतिविधियों में शामिल करते थे जिससे लोमड़ी (fox) नयी चीजों को जानने और सीखने का मौका पाती थी।

‌‌‌तब लोमड़ी (fox) के मन में यह जरूर सोच पैदा हुई की अगर उस दिन उसे घड़ो पानी नही पड़ता तो वह आज बच्चो के इतना नजदिक नही जा सकती थी और न ही बच्चो से इतना कुछ सिख पाती थी और यह उसके जीवन में काफी उपयोगी होगा । ऐसा लोमड़ी (fox) सोचने लगी थी ।

‌‌‌क्यो लोमड़ी (fox) को ‌‌‌घड़ो पानी पड़ा, एक अनोखी कहानी

लोमड़ी (fox) के साथ दोस्ती करने से बच्चों का भी बहुत फायदा हुआ। वे जानवरों के साथ और भी अधिक खेलने लगे और उन्हें प्रकृति से जुड़ी अधिक जानकारी मिली। लोमड़ी (fox) भी बच्चों से बहुत कुछ सीखती थी जैसे कि दोस्ती का महत्व और जानवरों के साथ अच्छा व्यवहार करने की कला।

इस कहानी से सीख यह है कि हमें कभी भी शर्मिंदगी के कारण अपने आप को रोकना नहीं चाहिए। हमें इस बात को समझना चाहिए कि हम सभी गलतियों करते हैं और हम उनसे सीखते हैं। हमें सीखने और सुधार करने की इच्छा रखनी चाहिए।

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