haan mein haan milana muhavare ka arth, हां में हां मिलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग
अगर आपको मैं कहूं की हां तो आप भी कहना हां तो इस तरह से मिल गई हां से हां ………………… मजाक कर रहे है साहब ऐसा नही होता है । बल्की यह एक मुहावरा है जिसका अर्थ कुछ अलग ही होता है और आज हम इस लेख में इसी मुहावरे के अर्थ के बारे में बात करेगे तो आइए शुरू करते है
हां में हां मिलाना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा
मुहावरा हिंदी में (idiom in Hindi) | मतलब या अर्थ (Meaning in Hindi) |
हां में हां मिलाना | खुशामद करना, चापलूसी करना । |
हां में हां मिलाना मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे
हां वह शब्द है जिसका उपयोग कई तरह से किया जाता है । उन्ही में से एक रूप में हां का उपयोग इस तरह से किया जाता है जो की दूसरे की हां में मिली होती है । यहां पर हां से हां मिलाने के लिए दो लोगो की जरूरत होती है । और इसे समझने के लिए एक उदहाण लेते है –
रामू और श्यामू नाम के दो लोग है और श्यामू जो होता है वह धनवान होता है और रामू उनका सेवक होता है । तो श्यामू जो कहता है वही रामू कहता है अगर श्यामू कहे की हां है तो रामू भी कहेगा की हां है । तो इस तरह से करने को एक नाम दिया जाता है जिसे चापलूसी करना कहा जाता है ।
और आप शायद जानेते होगे की चापलूसी करना क्या है । और आपको पता है की चापलूसी करने को खुशामद करना भी कहते है । तो इस तरह से हां से हां मिलना मुहावरे का अर्थ चापलूसी करना या खुशामद करना होता है ।
हां में हां मिलाना मुहारे का वाक्य में प्रयोग
1. वाक्य में प्रयोग – मै काफी समय से देख रहा हूं की सजय आपकी हां में हां मिला रहा है आखिर बात क्या है ।
2. वाक्य में प्रयोग – भिखारी को भिख चाहिए थी जिसके कारण से वह काफी समय से रामू की हां में हां मिलाता रहा मगर फिर भी रामू ने भिख नही दी ।
3. वाक्य में प्रयोग – किशोर ने कहा आजकल जो लोग हां में हां मिला लेते है उनका काम आसानी से हो जाता है ।
4. वाक्य में प्रयोग – भले ही संतोष की गाव में कोई इज्जत नही करता हो मगर सरपंच साहब की हां में हां मिलाकर अपना काम निकालना वह जानता है ।
5. वाक्य में प्रयोग – पप्पू अपने दादा की पेंशन बनवाने के लिए काफी समय तक सरकारी कर्मचारियो की हां में हां मिलता रहा तब जाकर काम हुआ ।
6. वाक्य में प्रयोग – रणजीत को मैंने तो अच्छी नोकरी दिलवाई थी मगर इसे हां में हां मिलाने की आदत नही थी जिसके कारण से इसे नोकरी से निकाल दिया गया ।
चूहा (Mice) गेंडा की हां में हां मिलाता था, एक मजेदार कहानी
एक बार बहुत पुराने समय की बात है, एक चूहा (Mice) था जो गेंडे (rhinoceros) का नोकर था। वह हमेशा अपने मालिक के लिए खाने की चोरी करने और गेंडे (rhinoceros) की देखभाल करने के लिए काम करता था।
एक दिन, गेंडा की सेहत खराब हो गई थी और चूहा (Mice) को गेंडे (rhinoceros) की देखभाल में और खाने की व्यवस्था में और भी ज्यादा सतर्क रहना पड़ा। लेकिन चूहा (Mice) ने अपने मालिक के लिए जोरदार सेवा की और उसका ध्यान रखा जैसे वह स्वयं गेंडा हो।चूहा (Mice) ने गेंडे (rhinoceros) के लिए दवा लाने के लिए उसके नाजुक हाथों से बहुत सावधानी से काम किया। उसने गेंडे (rhinoceros) को खाने के लिए स्वादिष्ट खाने भी तैयार किए। वह गेंडे (rhinoceros) की देखभाल के साथ-साथ, उसे एक मित्र जैसा भी बना दिया।
कुछ दिनों बाद, गेंडा ठीक हो गया और उसने चूहे (Mice) के उत्तरदायित्व और आदर को बखूबी समझा। वह उसे उसकी निष्ठा और सेवा के लिए प्रशंसा करता था। गेंडा ने अपनी संतुष्टि व्यक्त करते हुए चूहे (Mice) से कहा, “तुमने मुझे और मेरे परिवार को जीवन दिया है। मैं अब तुम्हें अपना परिवारी मानता हूँ। तुम्हारा यह बड़ा घर तुम्हें और तुम्हारे परिवार के लिए है।”
चूहा (Mice) बहुत खुश था और वह गेंडे (rhinoceros) के परिवार के लिए एक अच्छी सेवा जारी रखता था। उसने गेंडे (rhinoceros) की देखभाल करना जारी रखा और उसे अपने अन्य मित्रों के साथ खुश रखने का समय भी निकालता था।
एक दिन, एक शेर उनके क्षेत्र में घुस गया और उनके घर के पास ही खड़ा हो गया। शेर के वापस जाने की संभावना नहीं थी और उन्हें कुछ करना पड़ा। चूहा (Mice) ने अपनी होशियारी दिखाते हुए शेर के पास जाकर उसको अपनी मीठी बातों से उल्लू बना दिया और शेर को उससे भाग जाना पड़ा।
गेंडा ने उसे देखा और उसे बधाई देते हुए कहा, “तुम्हारी होशियारी ने मुझे फिर से दिलाया है कि तुम मेरे परिवार के एक सदस्य की तरह हो।”
इस घटना के बाद से गेंडा और चूहा (Mice) एक दूसरे के बहुत करीब आ गए थे। चूहा (Mice) गेंडे (rhinoceros) की मदद करता था जब भी उसे चाहिए था और उसे उसके घर में रखने देता था। उन्होंने एक दूसरे के साथ बहुत समय बिताया और अपनी मित्रता को मजबूत किया।
एक दिन, गेंडा बीमार पड़ गया था और चूहा (Mice) ने उसकी देखभाल की। वह अपने बच्चों को भी साथ लेकर गेंडे (rhinoceros) के पास रहता था ताकि उसकी देखभाल करते रह सके। चूहा (Mice) ने अपनी सभी कुशलताओं का उपयोग करके गेंडे (rhinoceros) की देखभाल की और उसे ठीक कर दिया।
गेंडा बहुत खुश था कि उसका दोस्त उसकी मदद करने के लिए इतना समय निकाला। उसने चूहे (Mice) को अपने घर में रखने देने का फैसला किया और उन्होंने एक दूसरे को एक दिन बादलों के बीच नाचते हुए खुशी से देखा। इस तरह, गेंडा और चूहा (Mice) की मित्रता बड़ी मजबूत हो गई थी और वे एक दूसरे के लिए हमेशा उपलब्ध रहते थे।
एक बार की बात है जंगल में सभा चल रही थी वहां पर एक बड़ा काम देने की बात थी जो की सबसे हाशियार और ताक्तवर को ही देना था । वहां पर कई छोटे मोटे जानवर थे मगर सबसे अधिक ताक्तवर गेंडा ही था । जिसके कारण से गेंडा अपनी ताक्त के बारे में वहां पर जम कर बात करता है ।
चूहा (Mice) पास बेठा था जो की गेंडा की हां में हां मिला रहा था ।
गेंडा ने कहा की मैं इस काम को बड़ी आसानी से कर दूगा । तब चूहे (Mice) ने भी कहा की हां भाई लोगो मेरा मालिक गेंडा इस तरह से काम को करने में माहिर है । और इस तरह से सुन कर जानवरो को पता चला की चूहा (Mice) तो गेंडा की हां में हां मिला रहा है।
तब जानवरो ने चूहे (Mice) को शिक्षा देते हुए कहा की तुम अपने मालिक की हां में हां मिलाकर यह काम नही ले सकते हो । और ऐसा करना भी गलत है तुम्हे अपने मालिक की खुशामद नही करनी चाहिए । मगर चूहे (Mice) ने कुछ नही कहा और मन ही मन सोचने लगा की ऐसा करता हूं तभी तो आज मैं इनका नोकर नही घर का सदस्य बना हुआ हूं ।
आखिर में जंगल के जानवरो ने वह काम गेंडा को ही दिया था । क्योकी वहां पर गेंडा जीतना ताक्तवर और होशियार उस काम को करने वाला कोई और नही था ।
तब गेंडा ने भी वह काम हाथ में ले लिया और समय पर पूरा कर दिया । जिसके कारण से जानवर काफी खुश थे और गेंडा को महान मानने लग गए । मगर चूहा (Mice) जो था वह अभी गेंडा के साथ ऐसा ही कर रहा था । और इस तरह से गेंडा और चूहे (Mice) का जीवन था । और दोनो मालिक और नोकर अपना जीवन गुजारते रहते है ।
तो इस तरह से चूहा (Mice) हां में हां मिलाता था ।