पीठ दिखाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

peeth dikhana muhavare ka arth aur vakya prayog, पीठ दिखाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

अगर आप चल रहे है और आपके पीछे जो लोग आ रहे है उनको आपकी पीठ दिखेगी । मगर इस मुहावरे का मतलब ऐसा कुछ नही होता है । हालाकी आपको बता दे की मुहावरे के अर्थ और ‌‌‌मतलब को हम इस लेख में अच्छी तरह से समझ लेगे । तो टेंसन न लेनेका

पीठ दिखाना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
पीठ दिखानाहारकर भाग जाना 

‌‌‌पीठ दिखाना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

पीठ हमेशा पीछे की और होती है और पीछ की और जो व्यक्ति खड़ा होता है उसी को वह दिखती है । यानि जब आप आगे चल रहे होते है और आपकी पीछ के पीछे कोई है तो वह आपकी पीठ को देख सकता है ।

वैसे ही जब दो लोगो के बिच में झगड़ा होता है तो उनमे से एक का विजय होना ‌‌‌पक्का है । मगर जो हारता है वह या तो वही पर रहता है या फिर वहा से भाग जाता है  । जब पहले युद्ध होता था तो जो व्यक्ति  जाता था वह अपने प्राण बचा कर भागता था । और इस तरह से भागने के कारण से पीठ देखी जा सकती थी । तो इस आधार पर ही इस मुहावरे को बनाया गया है । जिसका मतलब हुआ पीठ दिखाना मुहावरे ‌‌‌का अर्थ हार कर भाग जाना होता है ।

पीठ दिखाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

‌‌‌पीठ दिखाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग जब जंगली ‌‌‌हाथी (Elephant) रामू के पीछे लगा तो रामू को अपनी जान बचाने के लिए पीठ दिखानी पड़ी ।

2. वाक्य में प्रयोग जब इंडियन आर्मी दुश्मन से युद्ध करती है तो दुश्मनो को पीठ दिखानी पड़ जाती है ।

3. वाक्य में प्रयोग जब मुगलो को पता चला की सामने शिवाजी खड़े है तो इतने में मुगलो ने पीठ दिखा दी ।

‌‌‌4. वाक्य में प्रयोग जब रानी लक्ष्मी बाई ने युद्ध में भाग लिया तो अंग्रेजो को मजबूरन पीठ दिखानी पड़ गई ।

5. वाक्य में प्रयोग राम और रावण के युद्ध में रावण की बुरी तरह से हार हुई मगर उन्होने पीठ नही दिखाई ।

‌‌‌6. वाक्य में प्रयोग कोरोना काल में हमारे भारत के महान डॉक्टरो ने अपनी पीठ दिखाना अच्छा नही समझा और डट कर मुसीबत का सामना किया ।

7. वाक्य में प्रयोग जब देश पर हमला हुआ तो इंडियन आर्मी ने दुश्मनो को मार गिराया और बचे हुए दुश्मनो ने पीठ दिखा दी ।

‌‌‌‌‌‌हाथी (Elephant) ने जेबरा (zebra) को पीठ दिखा दी, एक अनोखी कहानी

एक बार एक जेबरा (zebra) जंगल में घूम रहा था। उसे अपनी साइट पर से हमेशा लोग आते थे और उसका मजाक उड़ाते थे। लेकिन जेबरा (zebra) ने कभी भी अपनी साइट पर से नहीं हटा।

एक दिन, जेबरा (zebra) ने एक ‌‌‌हाथी (Elephant) से मुकाबला करने का फैसला किया। वह सोचता था कि वह ‌‌‌हाथी (Elephant) से जीत जाएगा क्योंकि उसकी दौड़ बहुत तेज़ होती है। लेकिन जेबरा (zebra) ने उसकी ताकत की कमी नहीं देखी थी। जब जेबरा (zebra) ने ‌‌‌हाथी (Elephant) को देखा तो उसे ‌‌‌डर लगा और वह ‌‌‌पीठ दिखाने लगा। ‌‌‌हाथी (Elephant) जेबरा (zebra) के पीछे भागने लगा और जेबरा (zebra) ने भागते हुए एक छोटे से गुफा में छिप जाने का फैसला किया।

जब ‌‌‌हाथी (Elephant) गुफा के पास पहुंची तो वह नहीं देख पाई कि गुफा किस तरह से ढली हुई थी। ‌‌‌हाथी (Elephant) गुफा में घुसने के बाद, उसने अपनी ट्रंक से गुफा को हल्का सा टच कर दिया। इससे गुफा ढली हुई थी और ‌‌‌हाथी (Elephant) के साथ उसकी ट्रंक भी गुफे में फंस गयी।

जेबरा (zebra) ने देखा कि ‌‌‌हाथी (Elephant) फंस गयी है और उसने जोरदार भौंक मारकर गुफे के बाहर बगड़ाई।

जेबरा (zebra) गुफे के बाहर दौड़ता हुआ ‌‌‌हाथी (Elephant) के साथ उसकी ट्रंक को खींच रहा था। ‌‌‌हाथी (Elephant) अपनी ताकत से ट्रंक को फुर्तीली खींचने की कोशिश कर रही थी, लेकिन जेबरा (zebra) के आक्रमण से उसे कुछ नहीं हो पा रहा था।

अंततः, जेबरा (zebra) ने ‌‌‌हाथी (Elephant) के ट्रंक को खींच कर उसे आगे बढ़ने से रोक दिया। ‌‌‌हाथी (Elephant) दिखती थी जैसे वह अब तक के जीवन में कभी हार नहीं मानी हो। लेकिन जेबरा (zebra) ने उसे अपने छोटे से साइट से भगा दिया था।

‌‌‌हाथी (Elephant) अपनी हार को स्वीकारने के बाद, ‌‌‌पीठ दिखा कर अपने घर की तरफ चल गया । जेबरा (zebra) ने उसकी ताकत के सामने आत्मविश्वास का मज़ा दिया था और यह उसे सफलता का एहसास दिलाया। जेबरा (zebra) को यह भी सिखाया गया कि वह चीजों की ताकत से नहीं, अपनी बुद्धि और अंदरूनी ताकत से जीत प्राप्त कर सकता है।

जेबरा (zebra) अपनी विजय का लुत्फ लेते हुए घर की ओर चला गया। वह अपने गुफे में पहुँचा तो उसने देखा कि वहाँ एक नया सवेरा आ चुका है। सवेरे के साथ साथ उसे अपनी माँ के आवाज भी सुनाई दी। वह जल्दी से अपनी माँ के पास जाकर उसे अपनी विजय का बता दिया। माँ ने उसे बहुत बधाई दी और उसे दो प्रसाद माला दी।

जेबरा (zebra) को बहुत खुशी हुई और वह उस प्रसाद को लेकर अपने गुफे में वापस आ गया। वह उसे अपने गुफे में रखकर बैठ गया और खुशी से मुस्कुराता रहा।

उस दिन से जेबरा (zebra) ने एक बड़ा संदेश सीखा कि हमेशा अपनी बुद्धि और अंदरूनी ताकत पर भरोसा करना चाहिए। वह अब नहीं डरता था कि किसी बड़े जानवर से हार जाएगा। वह हमेशा अपनी सोच को सकारात्मक रखने और अपनी क्षमताओं को विकसित करने के लिए प्रयासरत रहता था।

‌‌‌‌‌‌हाथी (Elephant) ने जेबरा (zebra) को पीठ दिखा दी, एक अनोखी कहानी

जेबरा (zebra) ने अपनी बुद्धि और अंदरूनी ताकत के बल पर अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रयास करते रहा। वह नहीं डरता था अपनी कमजोरियों से, बल्कि उन्हें दूर करने के लिए काम करता रहता था।

उसने अपनी ताकत बढ़ाने के लिए नियमित रूप से अभ्यास किया, उन्हें स्वस्थ रखने के लिए सही आहार लिया और अपने विचारों को सकारात्मक रखने के लिए मन शांति की अभ्यास करता रहता था। जेबरा (zebra) अब एक बहुत ही सफल जानवर बन गया था।

उसने अपनी सफलता के बाद अपनी माँ को बताया और उसे खुश कर दिया। उसने अपनी सफलता के बाद दूसरे जानवरों को भी मदद करने का फैसला किया और उन्हें अपने सफलता की कहानी सुनाई।

जेबरा (zebra) की कहानी दूसरों के लिए एक प्रेरणादायक संदेश थी कि अपनी बुद्धि और अंदरूनी ताकत के बल पर कुछ भी हासिल किया जा सकता है। उसने साबित किया कि यदि हम अपनी सोच को सकारात्मक रखते हैं और निरंतर प्रयास करते रहते हैं तो हम हमेशा अपने लक्ष्य को ‌‌‌प्राप्त किया जा सकता है । यह सब सभी को सिखने को मिला था ।

‌‌‌इस तरह से दोस्तो जेबरा (zebra) ने ‌‌‌हाथी (Elephant) को पीठ दिखा कर भागने पर मजबूर कर दिया था ।

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