जान के लाले पड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

jaan ke lale padna muhavare ka arth, जान के लाले पड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

अगर आज आप अपने जीवन को देखते हो तो यह आपको काफी पसंद है और इसे कभी नही खोना चाहते हो । और इसी तरह से यह जो मुहावरा है वह जीवन से जुड़ा है । वैसे हम इस मुहावरे के अर्थ और ‌‌‌वाक्य में प्रयोग के बारे में इस लेख में जान लेगे तो कृपा पूरा लेख देखे और टेंसन न ले –

जान के लाले पड़ना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
जान के लाले पड़नाप्राण बचाना कठिन लगना ।

‌‌‌जान के लाले पड़ना मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे

दोस्तो जान को जीवन के रूप में जाना जाता है । यानि जब तक हम जीवित रहते है तो हमारी जान बनी रहती है । और यह जो जान होती है उसे प्राण भी कहा जाता है । और हर कोई ऐसा है जो की अपना प्राण बचाना चाहता है । वैसे जीवन में अनेक तरह की मुसीबत आती ‌‌‌है और आप जैसे ज्ञानी लोगो को तो इस बारे में तो पता ही होगा ।

तो यह जो मुसीबत होती है उनसे बचना आसान नही होता है और जब बचना आसान न हो तो इसे लाले पड़ना के रूप में जाना जाता है ।

अब क्योकी प्राण या जान जो होते है उनका बचना आसान नही है तो इसे जान के लाले पड़ना कह सकते है । इस बात से यह सिद्ध हो ‌‌‌जाता है की जान के लाले पड़ना मुहावरे का अर्थ प्राण बचाना कठिन लगना होता है ।

जान के लाले पड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

जान के लाले पड़ना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग आजकल पाकिस्तान का ऐसा हाल है की वहां पर रहने वाले लोगो को सही तरह से खाना तक नही मिल पाता है कुल मिलाकर कहे तो वहां पर रहने वाले लोगो के जान के लाले पड़े हुए है।

2. वाक्य में प्रयोग इंडियन आर्मी से जो भी दुश्मन देश भिड़ता है उन्हे यही लगत है की उनके जान के लाले पड़ गए है।

3. वाक्य में प्रयोग जब दुश्मन देश ने भारत पर हमला ‌‌‌किया तो उनका सामना इंडियन आर्मी से हुआ जिसके कारण से उनका जान के लाले पड़ते देर नही लगी ।

4. वाक्य में प्रयोग कोविड के दिनो में भारत के हर कोने में रहने वाले लोगो का ऐसा हाल था की मानो सभी के जान के लाले पड़े हुए हो ।

5. वाक्य में प्रयोग कोविड जैसी महामारी के आने के कारण से देश के लोगो के जान के लाले पड़ गए ।

6. वाक्य में प्रयोग जब राम और रावण ‌‌‌युद्ध में राक्षसो ने हनुमानजी से युद्ध किया तो राक्षसो की जान के लाले पड़ गए ।

7. वाक्य में प्रयोग अरे उनका तो स्वयं का जान के लाले पड़े हुए है वह भला गाव के लोगो की मदद क्या खाक करेगे  ।

‌‌‌आखिर कैसे शेर (lion) की जान के लाले पड़ गए , एक अनोखी कहानी पढ़े

वैसे दुनिया में अनेक तरह के जंगल (Forest) होते है और उनमे से ही एक जंगल (Forest) ऐसा था जो की हमारे भारत में हुआ करता था । वहां पर रहने वाले अनेक तरह के पशु और पक्षी थे । सभी अपने जीवन का काफी आनन्द लेते थे । मगर जिस जंगल (Forest) का राजा शेर (lion) होता है वहां के ‌‌‌जानवर कभी भी अपने जीवन में चैन की निंद तक नही ले सकते थे  ।

दरसल एक बार की बात है की जंगल (Forest) का राजा शेर (lion) अपने जंगल (Forest) में रहता था और वहां पर रहने वाले सभी जानवरो को काफी अधिक परेशान करता रहता था । वैसे शेर (lion) जो था वह ‌‌‌हिरण (Deer) का मांस काफी ज्यादा ही खाता था । जिसके कारण से जंगल (Forest) में सबसे अधिक डर तो ‌‌‌‌‌‌‌‌हिरण (Deer) की प्रजातियो को ही लगता था ।

वैसे तो उस जंगल (Forest) में काले और भुरे दोनो तरह के ‌‌‌हिरण (Deer) रहते थे मगर जो काले रंग के ‌‌‌हिरण (Deer) थे  उनकी सख्या कम थी और शेर (lion) उनको देखना भ पसंद नही करता था । मगर भुरे जो ‌‌‌हिरण (Deer) थे वह काफी अच्छे थे और शेर (lion) जब उनको मार कर खाता था तो उसे काफी मजा भी आता था ।

इस कारण से शेर (lion) ‌‌‌हमेशा ऐसे हिरणो का शिकार करता था जो की भूरे रंग के होते है । और यही कारण था की जंगल (Forest) में ‌‌‌हिरण (Deer) काफी अधिक डरे हुए थे । वैसे तो जंगल (Forest) जो था वह हिरणो का घर था मगर शेर (lion) उनको उनके घर के अंदर घुस कर मार देता था और इससे ‌‌‌हिरण (Deer) काफी अधिक परेशान तक हो गए थे ।

एक बार की बात है ‌‌‌हिरण (Deer) इस परेशानी का हल ‌‌‌निकालने के लिए बिल्ली (cat) के पास जाते है जो की शेर (lion) की ही एक प्रजाति होती है । तो बिल्ली (cat) ने उन हिरणो को बताया की आप केवल शेर (lion) से एक तरह से ही बंच सकते है । और वह यह है की शेर (lion) इस जंगल (Forest) से दूर हो जाए । मगर ‌‌‌हिरण (Deer) जो थे वे इस बात को सही तरह से नही समझे और क्यो नही समझे यह आगे बताएगे ।

बिल्ली (cat) की ‌‌‌बात सुन कर हिरणों ने मन ही मन यह फैसला ले लिया की वे अब जंगल (Forest) से ‌‌‌हिरण (Deer) को मार कर रहेगे । हिरणो ने एक योजना बनाई और जहां पर वे रहते थे वहां पर आस पास काफी गड्डे खोद दिए और तरह तरह के भार वाले पत्थरो को उपर पेड़ो पर लटका दिया और निचे एक रस्सी रख दी ।

इस तरह से हिरणो ने शेर (lion) को फंसाने के ‌‌‌लिए कई तरह की योजना बनाई थी और हिरणो ने यह फैसला बना लिया था की आगे वह कभी न कभी शेर (lion) को जान से मार देगे ।

दो तिन दिनो की बात है शेर (lion) अपना शिकार ‌‌‌हिरण (Deer) को बनाने के लिए उनके ही निवास स्थान पर आता है । तभी उसे ‌‌‌हिरण (Deer) दिखता है और शेर (lion) उन पर टूट पड़ता है । मगर जैसे ही शेर (lion) पहली छलाग लगाता है तो ‌‌‌वह गड्डे में फंस जाता है ।और बाकी सभी ‌‌‌हिरण (Deer) अब छीप जाते है और शेर (lion) को देखने लग जाते है । करीब एक घंटे के बाद में शेर (lion) गड्डे से बहार निकल पाता है । मगर जैसे ही अपना कदम आगे बढाता है तो फिर वह एक रस्सी के सहारे फंदे में लटक जाता है ।

‌‌‌आखिर कैसे शेर (lion) की जान के लाले पड़ गए , एक अनोखी कहानी पढ़े

यह सब हो रहा था तो शेर (lion) को यह पता चल गया की यहां पर अच्छा जाल ‌‌‌बिछाया गया है । तब शेर (lion) ने किसी तरह से रस्सी को काटा और निचे उतरा । मगर निचे उतरे ही वह फिर से गड्डे में गिर जाता है । यह सब होने  के कारण से शेर (lion) को पता चल गया की आज उसकी जान के लाले पड़ गए है ।

मगर शेर (lion) ने हार नही मानी और आगे बड़ा । गड्डे से निकल जाने के बाद में शेर (lion) एक जाल के अंदर फंस जाता ‌‌‌है । इस तरह से शेर (lion) बार बार फंसता रहता है ओर इस प्रक्रिया में शेर (lion) काफी थक जाता है मगर आखिरकार वह वहां से बच निकलता है । तब उस दिन शेर (lion) को समझ में आ गया की अगर वह ‌‌‌हिरण (Deer) से दुश्मनी लेगा तो उसकी जान के लाले पड़ जाएगे । और यह सोच कर शेर (lion) ने फिर हिरणो से दूश्मनी नही लेनी की सोच बना ली और अपने जीवन ‌‌‌से ही मतलब रखता था ।

तो इस तरह से शेर (lion) की जान के लाले पड़ गए थे  ।

Leave a Comment