कान में तेल डालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

कान में तेल डालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग,  kaan me tel dalna muhavare ka arth

अगर आप अपने कान के अंदर तेल डालने लग जाते हो तो है तो यह कान में तेल डलना होता है । मगर हम यहां पर कान में तेल डालना मुहावरे की बात कर रहे है । जिसका मतलब ‌‌‌कुछ अलग ही होता है । तो आपको इस मुहावरे के बारे में सभी तरह की जानकारी देगे कृपा लेख देखे –

कान में तेल डालना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
कान में तेल डालनाकुछ भी न सुनना ।

कान में तेल डालना मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे

वैसे कान में दर्द और खुजली की समस्या होती है तो कान के अंदर तेल को डाला जाता है । और जिस किसी का कान में तेल डाला गया है उसे यह जरूर मालूम है की जब कान में तेल डाला होता है तो बहार क्या कुछ हो रहा है या कोई हमे क्या कह रहा है उसकी बाते ‌‌‌सुनाई कम देती है । तो हम ऐसा कह सकते है की कान में तेल डालने के कारण से कुछ भी नही सुनाई देता है । तो इस तरह से कुल मिलकार यह समझ में आता है की कान में तेल डालना मुहावरे का अर्थ कुछ भी न सुनना होता है ।

‌‌‌विद्वानो शायद आपको ज्ञान कम लग रहा होगा, निचे वाक्य में प्रयोग दिए जा रहे है देख ले –

कान में तेल डालना मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे

कान में तेल डालना मुहावरे के वाक्य में प्रयोग

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग जब कंचन के पिता को पता चला की वह किसी लड़के के साथ फोन पर बात करती है तो कंचन के पिता ने उसे काफी कुछ कहा मगर वह कान में तेल डालकर बैठ गई ।

2. वाक्य में प्रयोग कंचन कब से तुम्हारे पिता तुम्हे कुछ कह रहे है जबाब क्यो नही दे रही क्या कान में तेल डालकर बैठी हो ।

3. वाक्य में प्रयोग पुलिसकर्मी के सामने ही लोग महेश को गालिया देने लगे मगर जब पुलिस से इस बारे में पूछा गया तो वे कहने लगे की हमने तो कान में तेल डाल रखा था ।

4. वाक्य में प्रयोग अध्यापक कक्षा में जोरो सोरो से अध्ययन करवा रहे ‌‌‌थे मगर किशोर कान में तेल डालकर बैठा था ।

5. वाक्य में प्रयोग जब मंत्री सहाब की पोल लोगो के सामने खुल गई तो लोग मंत्री को गालिया देने लगे मगर मंत्री सहबा ने कान में तेल डाल लिया ।

6. वाक्य में प्रयोग शहर में अपराध बढता जा रहा था और इस पर पुलिसकर्मी से जब पत्रकारो ने सवाल जबाब किया तो उन्होने तो अपने कान में तेल डाल लिया ।

‌‌‌7. वाक्य में प्रयोग शहर में बढती चोरियां देख कर पत्रकारो ने कमिश्नर से सवाल जबाब किए मगर उन्होने तो किसी का उत्तर तक नही दिया, मानो जैसे की कमिश्नर ने कान में तेल डाल रखा था ।

‌‌‌आखिर क्यो पांडा (Panda) कान में तेल डालता था, एक मजेदार कहानी

एक बार एक जंगल में एक पांडा (Panda) रहता था। वह बहुत ही सुंदर था और सभी उसे देखकर प्रशंसा करते थे। उसके पास बहुत सारे मित्र थे, लेकिन वह ज्यादातर समय अपने आप में ही खो जाता था। वह अपने मित्रों के साथ बात नहीं करता था और सभी उसे एक अलग ही दुनिया में रहने वाला महसूस करते थे। ‌‌‌आखिर ऐसा क्यो था यह किसी को पता तक नही था ।

‌‌‌एक दिन की बात है एक मुर्गा (Cock) था जो की रास्ते से जा रहा था उसने पांडा (Panda) को देखा और उससे बोला, “हाय, पांडा (Panda)! तुम इतने अकेले क्यों हो? आपके पास इतने सारे मित्र होने के बावजूद, तुम बात नहीं करते हो।” ‌‌‌आखिर ऐसा क्यो है मुझे भी बताओ ।

पांडा (Panda) ने इस बात को सुनते हुए थोड़ा सा विचलित होते हुए उत्तर दिया, “हाँ, मैं एक अलग ही दुनिया में रहने वाला हूं। मेरे लिए अकेलापन आरामदायक है।” ‌‌‌मुझे लगता है की जब मैं अकेला रहता हूं तो काफी आराम से और खुश रहता हूं ।

मुर्गा (Cock) ने उससे कहा, “लेकिन पांडा (Panda), इस तरह के अकेलापन से तुम्हारे जीवन में बहुत से अवसर गुम हो जाते हैं। तुम अपने मित्रों के साथ संवाद करने से बहुत सीख सकते हो और अपने जीवन में समृद्धि प्राप्त कर सकते हो।” ‌‌‌मित्रो के साथ बाते करना और अन्य जानवरो से तुम बाते करोगे तो तुम्हारा ज्ञान विकसित हो जाएगा ।

पांडा (Panda) ने मुर्गे की बातों को ध्यान से सुना और सोचा कि शायद यह सही हो सकता है। उसने मुर्गे को धन्यवाद दिया और उसकी सलाह को मानते हुए अपने जीवन में बदलाव लाने का फैसला किया।  पांडा (Panda) ने मुर्गे से कहा की मैं ऐसा जरूर करने की कोशिश करता हूं। अगर बेहतर लगेगा तो ऐसा जीवन में करता रहूंगा । इतना सुन कर मुर्गा (Cock) वहां से चला गया ।

‌‌‌कुछ समय के बाद में पांडा (Panda) वहा से उठा और अपने मित्रो के पास जाकर रहने लगा । अब पांडा (Panda) ने अपने मित्रों से बात करना शुरू किया और उनसे अधिक समय बिताना शुरू किया। वह उनसे सीखने लगा और उनसे प्रेरणा लेने लगा। उसने अपने अकेलापन को दूर कर दिया और अपने मित्रों के साथ अधिक समय बिताने लगा।

इस तरह, पांडा (Panda) ने अपने जीवन में बदलाव लाने का फैसला करके एक समृद्ध और सुखी जीवन जीता। वह अब अपने मित्रों के साथ समय बिताना पसंद करता था और उनसे नई बातें सीखता रहता था। उसके मित्र भी उसके बदलाव को देखकर बहुत खुश थे और उसे अपना दोस्त मानते थे। ‌‌‌मगर हमेशा जीवन में अच्छा नही चलता था बल्की कभी न कभी बुरा भी होता था । और उस समय पांडा (Panda) के मित्र बुरी बाते भी करते थे । जो की पांडा (Panda) को अच्छी नही लगती थी ।

जिसके कारण से जब भी पांडा (Panda) के मित्र बुरी बाते करते थे तो पांडा (Panda) कान में तेल डाल लेता था । और ऐसा ही एक बार हुआ था । दरसल पांडा (Panda) और उसके ‌‌‌मित्र एक पेंड के पास बैठ कर बाते कर रहे थे । तभी पांडा (Panda) के मित्रो ने ऐसी बाते करनी शुरू कर दी जो की पांडा (Panda) को पसंद नही आ रही थी तो उसने वह बाते सुनी नही और अपने ही मन में खो गया ।

‌‌‌आखिर क्यो पांडा (Panda) कान में तेल डालता था, एक मजेदार कहानी

कुछ समय के बाद में पांडा (Panda) के मित्रो ने उससे पूछा की क्या हुआ बोल क्यो नही रहे हो तो पांडा (Panda) कहता है की क्या बाते कर ‌‌‌रहे थे आप लोग । यह सुन कर पांडा (Panda) के मित्र कहने लगे की तुम यहां पर क्या कान में तेल डालकर बैठे हो । तब पांडा (Panda) कहता है की मैंने ध्यान नही दिया । इस तरह से पांडा (Panda) के मित्रो को पता चला की वह बुरी बातो को नही सुनता है । ओर इसके बाद में पांडा (Panda) के मित्र उसके साथ बुरी बाते भी नही करते थे  ।

इस तरह से ‌‌‌पांडा (Panda) का जीवन बडी सानदार तरह से चलता हुआ आगे बढता जा रहा था ।

इस कहानी से हमे सिख मिलती है की बुरी बाते जब भी हो तो कान में तेल डाल लेना ही सही होता है ।

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