तिल का ताड़ बनाना मुहावरे का अर्थ लिखिए और वाक्य में प्रयोग बताइए

til ka taad banana muhavare ka arth aur vakya, तिल का ताड़ बनाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

तिल एक तरह का बीज होता है जो की पौधे पर लगता है और इस पौधे को भी तिल कहा जाता है । मगर तिल का ताड़ बनाना एक मुहावरा है जिसका ‌‌‌अर्थ क्या होता है और वाक्य में प्रयोग क्या होता है जैसी जानकारी हम इस लेख में जानने वाले है। तो आइए शुरू करते है –

तिल का ताड़ बनाना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा बताइए

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
तिल का ताड़ बनानाछोटी सी बात को बडा चढा कर कहना ।

तिल का ताड़ बनाना मुहावरे के अर्थ को समझाने का प्रयास करे

तिल जो होता है वह एक तरह का बीज होता है और दूसरे रूप मे तिल एक छोटा पौधा होता है। मगर जब ताड़ की बात आती है तो एक ऐसे पौधे की कल्पना होती है जो की ऊँचा और लंबा पेड़ होता है । और यह जो पेड़ होता है उससे एक रस प्राप्त होता है जिसे ताडी कहा ‌‌‌जाता है ।

क्योकी मुहावरा कह रहा है की तिल का ताड़ बनाना है । जिसका मतलब हुआ की तिल का पेड़ जो होता है उससे इतना बड़ा और लंबा पेड़ बनाना है की देखने में ताड़ का पेड़ लगने लग जाए । और मानव जीवन की बात करे तो तिल एक छोटी बात को दर्शाता है और ताड़ बड़ी बात को दर्शाता है। तो इस तरह से छोटी बात ‌‌‌बड़ा करने के बारे में यह मुहावरा बता रहा है ।

कुल मिलाकर यह समझ में आता है की तिल का ताड़ बनाना मुहावरे का अर्थ छोटी सी बात को बडा चढा कर कहना होता है ।

तिल का ताड़ बनाना मुहावरे का अर्थ लिखिए और वाक्य में प्रयोग बताइए

तिल का ताड़ बनाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग बताइए

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग महेश और सोनिया का विवाह हुए एक महिना ही बिता था की एक दिन भोजन में कम नमक को लेकर महेश सोनिया से लड़ने लगा और तिल का ताड़ बाना दिया ।

2. वाक्य में प्रयोग अध्यापक ने राहुल से पूछा की ताजमहल कहा है मगर राहुल को पता न होने के कारण से अध्यापक ने तो तिल का ताड़ ही बना दिया ।

3. वाक्य में प्रयोग माधव की पत्नी रमिया उससे एक ‌‌‌साड़ी की मांग करने लगी थी, मगर पता नही क्या हुआ माधव ने तिल का ताड़ बना दिया ।

4. वाक्य में प्रयोग सजनी ने अपने बच्चे को अपने भाई राम के पास कुछ समय के लिए छोड़ा था मगर वह रोने लगा तो रजनी ने तिल का ताड़ ही बना दिया ।

5. वाक्य में प्रयोग सुरज को उसके पिता ने भला बुरा कह दिया मगर पता नही सुरज को क्या हुआ जो की तिल का ताड़ ‌‌‌बना कर घर से निकल गया ।

चींटी (ant) ने तिल का ताड़ बना दिया, एक मजेदार कहानी, Ant made sesame palm, a funny story in Hidni

एक बार एक हाथी (Elephant) जंगल में घूम रहा था। वह अपनी भारी बोझिल शक्ल के साथ चल रहा था और उसके दांत भी बहुत बड़े थे। उसने एक छोटी सी चींटी (ant) को देखा जो अपने रास्ते से गुजर रही थी। हाथी (Elephant) ने चींटी (ant) को देखते ही कहा, “अब तो यह छोटी सी चींटी (ant) मेरे सामने भी नहीं दिख रही है।”

चींटी (ant) ने यह सब सुन लिया और उसे बहुत हंसी आई। उसने हाथी (Elephant) से कहा, “आपको लगता है कि मैं आपके समान नहीं हूं। लेकिन आप जानते हैं, हम छोटे जीव होते हुए भी अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। हम सभी एक दूसरे से अलग होते हुए भी जंगल के एक-एक कोने में हमारी जगह होती है जो भी जगह हम रखते हैं, हमारे लिए महत्वपूर्ण होती है।”

हाथी (Elephant) ने यह सब सुनकर गहरी सोच में पड़ गया। उसने समझा कि वह गलत था और अपने बड़े आकार से छोटे जीवों को नहीं उचित तरीके से नहीं संबोधित किया था। उसने चींटी (ant) से माफी मांगी और उसे बड़े आदमी की तरह संबोध ‌‌‌करने लगा था ।

चींटी (ant) ने हाथी (Elephant) को गले लगाकर उसे अपनी समझदारी और बुद्धिमानी का ज्ञान दिया। उसने हाथी (Elephant) को बताया कि छोटे जीवों को अपने स्वभाव से और अपनी ताकत से जाना जाना चाहिए, न कि उनके आकार से। ‌‌‌और इस तरह से कहते हुए चींटी (ant) हाथी (Elephant) को ज्ञान देने लग जाती है।

हाथी (Elephant) ने चींटी (ant) से सीख ली और उसने अपने व्यवहार में बदलाव करना शुरू कर दिया। वह अब छोटे जीवों के साथ बहुत प्यार से बर्ताव करता था और उन्हें समझाता था कि वे अपने आप में कितने महत्वपूर्ण होते हैं। ‌‌‌हाथी (Elephant) आज से पहले ऐसा नही थी मगर अब वह सभी को अपने से बराबर मानने लग गया था । किसी को अपने से छोटा नही मानता था । और यह सब कुछ अच्छा था ।

उस दिन से हाथी (Elephant) ने अपने आकार से बड़े और छोटे जीवों के बीच समानता बनाई। जंगल के अन्य जीवों ने भी उससे इस बारे में बात की और उसे सम्मान देने लगे। हाथी (Elephant) को यह बहुत खुशी हुई और उसने अधिक से अधिक छोटे जीवों के साथ समझौते किए।

‌‌‌एक दिन बात है हाथी (Elephant) को फिर से वह चींटी (ant) मिलती है जिसके कारण से हाथी (Elephant) ने उससे दोस्ती करनी चाही । और यह बात सुन कर चींटी (ant) ने भी हाथी (Elephant) से दोस्ती कर ली और अब दोनो एक साथ जीवन गुजारने लगे थे ।

हाथी (Elephant) कही पर जाता था तो चींटी (ant) उसके लंबे सुंड पर बैठ कर आगे चला जाता था तो इस तरह से चींटी (ant) और हाथी (Elephant) की दोस्ती ‌‌‌चल रही थी ।

एक दिन की बात है चींटी (ant) जमीन पर सो रही होती है और हाथी (Elephant) आता है तो हाथी (Elephant) को चींटी (ant) नजर नही आती है जिसके कारण से हाथी (Elephant) जोर से सांस लेता है जिसके कारण से चींटी (ant) दूर जाकर गिर जाती है । तभी चींटी (ant) को होश आता है और उसने हाथी (Elephant) के इस तरह से करने का कारण पूछा ।

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मगर हाथी (Elephant) ने कहा की मैंने देखा नही ‌‌‌था । मगर अब चींटी (ant) यह समझने को तैयार नही थी बल्की चींटी (ant) तो तिल का ताड़ बनाने लग गई थी । काफी समय तक इसी बारे में बहस चलती रही थी और समय बित रहा था । मगर हाथी (Elephant) को समझ में नही आ रहा था की आखिर किस तरह से चींटी (ant) को समझाया जाए ।

काफी समय बित जाने पर चींटी (ant) कुछ शांत हुई तो हाथी (Elephant) भी कुछ नही बोला और ‌‌‌इसी तरह से एक दिन बित गया । तब चींटी (ant) को अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने हाथी (Elephant) के पास जाकर माफी मागी ओर कहा की यह तो एक छोटी सी बात थी मगर मैंने ही तिल का ताड़ बना दिया था मुझे माफ करे ।

हाथी (Elephant) चींटी (ant) की बात सुन कर उसे माफ कर देता है और फिर से दोनो एक साथ रह कर जीवन जीना शुरू कर देते है ।

तो इस ‌‌‌तरह से तील का ताड़ बना था ।

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