कलेजा ठंडा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग, kaleja thanda hona muhavare ka arth kya hai
कलेजे को निकाल कर अगर आप बर्फ के अंदर रख देते हो तो यह काफी ठंडा हो सकता है ………….. मजाक कर रहे है ऐसा न तो करना है और न ही होता है ।
वैसे हम बात कर रहे है एक मुहावरे की जो की कलेजा ठंडा होना होता है । और आज हम इस लेख में यह जान लेगे की कलेजा ठंडा होना मुहावरे का अर्थ क्या होता है और वाक्य किस तरह से किए जाते है तो आइए शुरू करते है –
कलेजा ठंडा होना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा
मुहावरा हिंदी में (idiom in Hindi) | मतलब या अर्थ (Meaning in Hindi) |
कलेजा ठंडा होना | संतुष्ट या तृप्त होना । |
कलेजा ठंडा होना मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे
वैसे जो कलेजा होता है वह असल में लिवर को कहा जाता है । जो की कभी कभार गर्म हो जाता है जिसे ठंडा रखने के लिए ऐसे भोजन का उपयोग किया जाता है जो की लिवर को ठंडा करने के काम में आता है ।
मगर हमारे मुहावरे में केलजा लिवर को नही कहा गया है । बल्की हृदय जो होता है जिसे हार्ट या मन कहा जाता है उसे भी कलेजा कहते है । और ठंडा होने का मतलब यहां पर शांति या संतुष्टी से होता है । तो इस तरह से कलेजा ठंडा होना मुहावरे का अर्थ होता है ।
विद्वानो आपके लिए शायद ही ज्ञान काफी होगा। क्योकी एक विद्वान के लिए जितना ज्ञान दिया जाता है वह हमेशा कम रहता है । तो आपको वाक्य भी देखने चाहिए
कलेजा ठंडा होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग
1. वाक्य में प्रयोग – मोदी जी देश का प्रधानमंत्री बनने के लिए काफी जोरो सोरो से मेहनत कर रहे थे मगर जब वे प्राधनमंत्री बन गए तो उनका कलेजा ठंडा हो गया ।
2. वाक्य में प्रयोग – पप्पू पहलवान के घर में एक ब्राह्मण ने आकर भोजन किया तो उसे इतना स्वादिष्ट लगा की उसने कहा की आज तो कलेजा ठंडा हो गया ।
3. वाक्य में प्रयोग – इंडियन आर्मी ने देश पर हमला करने वाले दुश्मन सेनिको को मार गिराय यह खबर सुनते ही मेरा कलेजा ठंड हो गया ।
4. वाक्य में प्रयोग – सुधीर चौधरी ने कहा जब तक लोग अपने दुश्मन को हानि नही पहुंचा देते है तब तक उनका कलेजा ठंडा नही होता है ।
5. वाक्य में प्रयोग – अंजना ओम कश्यप के मुंह से अच्छी न्यूज सुन कर मेरा तो कलेजा ठंडा ही हो गया ।
6. वाक्य में प्रयोग – हिंदू धर्म के लोगो के यहां 56 भोग खा कर भगवान का भी कलेजा ठंडा हो जाता है ।
बंदर (Monkey)और पांडा (Panda) का कलेजा ठंडा हुआ, एक कहानी
एक बार एक पांडा (Panda) जंगल में घूम रहा था। उसने बहुत देर तक भ्रमण किया और बहुत खुश था। पांडा (Panda) जो था वह जंगल में काफी खुश रहता था और उसकी खुशी का राज उसका पेट था जो की हमेशा भरा हुआ रहता था । लेकिन एक दिन, जब वह जंगल में घूम रहा था, तो उसे भूख लगी। उसने अपनी आँखों से खोज किया लेकिन उसे कोई भोजन नहीं मिला। उसने दूसरी तरफ देखा तो उसने एक बंदर (Monkey) को खाना खाते हुए देखा।
बंदर (Monkey)काफी मजे से खाना खा रहा था और यह सब देख कर पांडा (Panda) की भूख और अधिक बढ गई । पांडा (Panda) ने बंदर (Monkey) के पास जाकर कहा, “भैया, मैं आज भूखा हूं और मुझे खाने की तलाश है। क्या आप मुझे थोड़ा सा खाना दे सकते हैं?”
यह सुन कर बंदर (Monkey) हैरान हो गया की उसके पास एक पांडा (Panda) भोजन मागने के लिए आया है । क्योकी पांडा (Panda) के साथ पहले ऐसा कभी नही हुआ था । बंदर (Monkey) ने पांडा (Panda) को ध्यान से देखा और फिर बोला, “हाँ, मैं आपके लिए कुछ खाने की चीजें लाता हूँ।”
बंदर (Monkey)पांडा (Panda) के लिए तरह तरह का भोजन लेकर आता है जो की देखने में इतने अच्छे लग रहे थे पांडा (Panda) उसे देखते ही टूट पड़ा । और बंदर (Monkey) का दिया हुआ भोजन खा कर पांडा (Panda) के कलेजे में ठंडक मिल गई । पांडा (Panda) ने बंदर (Monkey) को धन्यवाद दिया और उसे उसके अच्छापन के लिए गले लगा लिया। और कहा की मुझे तो आपका खाना का कर कलेजे में ठंड मिल गई है ।
बंदर (Monkey) ने पांडा (Panda) से कहा, “आपका स्वागत है। हम हमेशा एक दूसरे की मदद करते हैं और एक दूसरे की सहायता करते हैं।”
बंदर (Monkey)की बात सुन कर पांडा (Panda) ने बंदर (Monkey) से कहा की मैं आपका दोस्त बनना चाहता हूं । और यह सुन कर बंदर (Monkey) मना नही कर सका और उस दिन से पांडा (Panda) और बंदर (Monkey) बहुत अच्छे दोस्त बन गए। वे हर दिन साथ खेलते और एक दूसरे के साथ अपनी कहानियां शेयर करते थे। पांडा (Panda) बंदर (Monkey) के आचरण से बहुत कुछ सीखा और उसे संसार की तरफ से नए नए चीजें देखने की खुशी मिलती थी।
बंदर (Monkey) ने पांडा (Panda) को जंगल के सभी अन्य जानवरों से भी परिचय कराया। वे सब एक दूसरे को जानते थे और एक साथ खेलते थे। पांडा (Panda) ने भी इस समुदाय को अपना बनाया और बंदर (Monkey) की मदद से उनसे अधिक से अधिक जानकारी हासिल की।
दोनों दोस्तों ने एक साथ खुश रहा और एक दूसरे के साथ उनके सभी संघर्षों का सामना किया। वे अपनी दोस्ती को बहुत महत्व देते थे और एक दूसरे का साथ हमेशा देते थे। यह सभी जानवरों के बीच एक नयी मित्रता थी, जिसने सभी जानवरों को समझने और सहायता करने की शिक्षा दी।
इसके बाद में पांडा (Panda) जाने लगा और बंदर (Monkey) से कहता है की कल तुम मेरे घर जरूर भोजन करने के लिए आना । पांडा (Panda) की बात सुन कर बंदर (Monkey) मना नही कर सका और उसने हां कह दी । अब पांडा (Panda) चला जाता है और बंदर (Monkey) के आने की खुशी मे उसके लिए भोजन तलाशता रहता है । पांडा (Panda) रात भर भोजन खोजकर इकट्ठा कर लेता है । और अगले दिन सुबह से ही बंदर (Monkey) के लिए भोजन तैयार कर लेता है।
जब सुबह हुई तो बंदर (Monkey) पांडा (Panda) के घर आ गया और जिसे देख कर पांडा (Panda) काफी अधिक खुश हो गया । तब पांडा (Panda) ने सबसे पहले बंदर (Monkey) के हाथ पानी से धुलवाए और फिर उसे भोजन करवाया ।
पांडा (Panda) का भोजन खा कर बंदर (Monkey) का कलेजा ठंडा हो गया था । क्योकी उसने आज तक ऐसा भोजन नही किया था । इसके बाद में बंदर (Monkey) ने पांडा (Panda) को कहा की तुम्हारा धन्यवाद तुमने मुझे इतना अच्छा भोजन खिलाया और यह कहने पर पांडा (Panda) बंदर (Monkey) के भोजन की तारिफ करने लगा था और बंदर (Monkey) पांडा (Panda) के भोजन की तरिफ करने लगा था । और अंत में दोनो ने कहा की जब भी हमे भोजन की जररूत होगी तो एक दूसरे के घर ही भोजन करेगे ।
और इस तरह से फिर बंदर (Monkey) और पांडा (Panda) दोनो को जब भी अच्छे भोजन की जरूरत होती तो वे एक दूसरे के यहां पर भोजन करने लग जाते थे जिसके कारण से उनका कलेजा ठंडा हो जाता था । और इस तरह से फिर दोनो का जीवन बितने लगा था ।
तो इस कहानी से हमे सिख मिलती है की घर मे आने वालो को अच्छा भोजन खिलाकर उनका कलेजा ठंडा करना चाहिए ।