नाक रगड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग को अच्छी तरह से समझे

naak ragadna muhavare ka arth kya hai, नाक रगड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

नाक के बारे में आज सभी को पता है । मगर नाक किस तरह से रगड़ी जाती है यह एक अलग बात है और हम यहां पर मुहावरे के बारे में बात कर रहे है जो की नाक रगड़ना ‌‌‌है । और इस मुहावरे का जो अर्थ होता है उसके बारे में हम इस लेख में जानेगे तो आइए शुरू करते है

नाक रगड़ना मुहावरे का अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
नाक रगड़नाखुशामद करना या विनती करना ।

नाक रगड़ना मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे

वैसे आपको पता होगा की नाक हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है। और यह जो नाक होता है वह इज्जत को दर्शाता है । और नाक जब रगड़ी जाती है तो पहली बात तो यह की इज्जत नही रहती है । और दूसरा की इसे दूसरे व्यक्ति के जुतो पर रगड़ी जाती है । ‌‌‌मगर दोस्तो आपने एक नाम सुना होगा चापलुसी करना और यह बिल्कुल नाक रगड़ने के समान ही होता है क्योकी जो लोग चापलुसी करते है उनकी भी इज्जत नही रहती है । वैसे चापलुसी करने को खुशामद करना भी कहा जाता है और कभी कभार विनती करनी भी होता है तो यह दोनो नाक रगड़ना होता है ।

‌‌‌अगर इस तरह से बात करे की नाक रगड़ना का सही अर्थ खुशामद करना या विनती करना होता है ।

नाक रगड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग को अच्छी तरह से समझे

‌‌‌नाक रगड़ना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए

‌‌‌1. वाक्य में प्रयोग जब सज्जन की एक वर्ष की कमाई लूटेरे लूटने लगे तो सज्जन ने उनके सामने नाक रगड़नी शुरू कर दी मगर कोई फायदा नही हुआ ।

2. वाक्य में प्रयोग महेश को जब परिक्षा में एक भी प्रशन नही आया तो उसने अध्यापक के सामने नाक रगड़नी शुरू कर दी मगर अध्यापक ने उसकी मदद नही की ।

3. वाक्य में प्रयोग सेठ ने रामू से कहा की तुम चाहे लाख बार नाक रगड़ो मगर ‌‌‌मैं तुम्हारी इस काम में कोई मदद नही कर सकता हूं ।

4. वाक्य में प्रयोग पर्णवीर और उसकी पत्नी में झगड़ा हो गया और इस कारण से पर्णवीर की पत्नी रुठ कर मायके जाने लगी मगर यह सब देख कर पर्णवीर ने नाक रगड़ना शुरू किया तब जाकर पर्णवीर की पत्नी उसकी बात सुनी ।

‌‌‌5. वाक्य में प्रयोग संजना को भला प्रमोशन पर प्रमोशन क्यो नही मिलेगा वह तो अपने बॉस के सामने हमेशा नाक रगड़ती रहती है ।

6. वाक्य में प्रयोग अगर जीवन में अच्छी समझता चाहिए तो नाक रगड़ना ही होगा ।

7. वाक्य में प्रयोग रमेश को नाक रगड़ना आता है तभी वह अपने बॉस के इतने करीब पहुंच कर काम करता है ।

‌‌‌8. वाक्य में प्रयोग सुरज सरपंच साहब के सामने नाक रगड़ता है और अपना काम करवा लेता है ।

आखिर क्यो बिल्ली (Cat) गोरिला के लिए नाक रगड़ती थी, एक मजेदार कहानी

एक बार की बात है, एक जंगल में एक बिल्ली (Cat) रहती थी। वह अकेली थी लेकिन बहुत खुश थी। वह अपने जंगल के सभी जानवरों से अच्छे संबंध रखती थी

एक दिन, वह जंगल में एक गोरिल्ला (Gorilla) से मिली। गोरिल्ला (Gorilla) बहुत बड़ा था और उसकी आंखें बड़ी-बड़ी थीं। बिल्ली (Cat) ने गोरिल्ला (Gorilla) ‌‌‌के लिए नाक रगड़ना शुरू कर दिया। वह उससे मिली और उसे देखकर बड़े प्यार से बोली, “हाय, मैं आपसे बहुत खुश हूं कि आप मुझसे मिले। आपकी आंखें बहुत खूबसूरत हैं और आप बहुत महान लगते हैं।”

गोरिल्ला (Gorilla) ने बिल्ली (Cat) के नाक रगड़ने को देखा और बहुत खुश हुआ। वह बिल्ली (Cat) से बात करना शुरू कर दिया और दोनों जानवरों के बीच एक गहरी मित्रता हो गई। वे अपने समय का एक बड़ा हिस्सा एक साथ बिताने लगे।

बिल्ली (Cat) गोरिल्ला (Gorilla) को बहुत पसंद करने लगी थी और उससे हर वक्त मिलने की कोशिश करती थी। गोरिल्ला (Gorilla) भी बिल्ली (Cat) से बहुत मायूस हो जाता था जब गोरिल्ला (Gorilla) जंगल में अकेला होता था, लेकिन बिल्ली (Cat) के साथ होने से उसकी तनहाई दूर हो गई थी। बिल्ली (Cat) गोरिल्ला (Gorilla) के साथ बहुत मस्ती करती थी और उसे हंसाती रहती थी। दोनों के बीच एक अनूठा बंध था जो कभी भी नहीं टूटता था।

एक दिन, जंगल में एक तेज बादल छाया और बड़ी बारिश शुरू हो गई। बिल्ली (Cat) को अपने घर में जाना था, लेकिन गोरिल्ला (Gorilla) को कोई जगह नहीं मिली थी। बिल्ली (Cat) ने गोरिल्ला (Gorilla) को अपने घर में लाने की सलाह दी और वह अपने घर में आ गया। वहां उसे बिल्ली (Cat) ने उसके लिए एक सुखद बिस्कुट दिया और उसे गर्म चाय पिलाई। गोरिल्ला (Gorilla) बहुत खुश हो गया था और उसने बिल्ली (Cat) के साथ अपनी खुशी शेयर करना शुरू कर दिया।

बाद में, बारिश रुकने के बाद, गोरिल्ला (Gorilla) अपने घर की तरफ जाना चाहता था, लेकिन उसे रास्ता भूल गया था। बिल्ली (Cat) ने उसे रास्ता दिखाया और उसे सही स्थान तक पहुंचाया। गोरिल्ला (Gorilla) बिल्ली (Cat) की मदद करते हुए बोला, “बिल्ली (Cat), तुम बहुत अच्छी हो। तुमने मेरी मदद की और मुझे उस स्थान तक पहुंचाया जहां मैं जानता नहीं था। मैं तुम्हारी दोस्ती से बहुत खुश हूँ।”

बिल्ली (Cat) भी बहुत खुश थी क्योंकि उसने एक नया दोस्त पाया था। दोनों दोस्त थे और उनकी दोस्ती अब और भी मजबूत हुई थी। दोनों बहुत खुश थे क्योंकि उन्होंने एक दूसरे के साथ एक अनूठी दोस्ती बनाई थी जो उनकी जिंदगी में एक नया अध्याय बन गया था।

इस तरह, बिल्ली (Cat) और गोरिल्ला (Gorilla) की दोस्ती उनके जीवन में खुशियों का एक नया अध्याय लिखती रही। वे एक दूसरे के साथ खेलते और मस्ती करते रहते थे और दूसरे जंगली जानवरों के साथ भी अच्छी तरह संबंध बनाए रखते थे। यह एक सफल दोस्ती का उदाहरण था जो दूसरों को भी प्रेरित करता था अपने साथ आस-पास के लोगों के साथ एक अनूठी दोस्ती बनाने के लिए।

‌‌‌जंगल के जानवरो को इस बारे में पता चलता है तो वे कहते है की बिल्ली (Cat) और गोरिला में दोस्ती है । मगर तभी एक जानवर कहता है की दोस्ती क्या है बिल्ली (Cat) गोरिला से छोटी है और वह उसके लिए नाक रगड़ती है । और यही कारण है की गोरिला उसे अपने साथ रखता है । वरना कोई भी जानवर के साथ न तो गोरिला रहता है ‌‌‌और न ही उसे अपने पास रखता है ।

आखिर क्यो बिल्ली (Cat) गोरिला के लिए नाक रगड़ती थी, एक मजेदार कहानी

जैसे जैसे समय बितता गया जानवरो को सभी को पता चलता गया की गोरिला के लिए बिल्ली (Cat) नाक रगड़ती है। अब बिल्ली (Cat) को भी काफी आराम से भोजन मिलता था और वह ऐसा कर कर अपना जीवन आराम से बिताने लग जाता है। मगर दोस्तो बिल्ली (Cat) जो होती है उसकी अब जंगल में कोई इज्जत नही   ‌‌‌रहती है । बल्की वह तो अब जंगल के जानवरो के साथ सही तरह से खुश नही रहती है ओर ज्यादा समय गोरिला के साथ ही बिताती है । तो इसी तरह से उनका जीवन आगे चलता रहता है ।

इस तरह से दोस्तो बिल्ली (Cat) गोरिला के लिए नाक रगड़ती थी ।

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