thali ka baingan hona muhavare ka arth, थाली का बैंगन होना मुहावरे का अर्थ क्या है
बैंगन के बारे में सभी को पता है, यह पता है की यह एक तरह की सब्जी है मगर यह थाली का बैंगन क्या चीज है अगर आपको पता नही है तो आपको बता दे की यह मुहावरा है जिसका अर्थ और वाक्य प्रयोग इस लेख में आपको देखने को मिलेगा
थाली का बैंगन मुहावरे का अर्थ क्या होगा बताइए
मुहावरा हिंदी में (idiom in Hindi) | मतलब या अर्थ (Meaning in Hindi) |
थाली का बैंगन | पक्ष बदलने वाला या सिद्धांत हीन होना । |
थाली का बैंगन मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे
वैसे आपको पता है की बैंगन जो होता है वह इस दुनिया में कई तरह के होते है। जिनका आकार अलग अलग होता है । मगर अधिकर बैंगन ऐसे होते है जो की गोल आकार के होते है । और ऐसे जो गोल आकार के बैंगन होते है वह केवल व केवल स्थिर और समतल स्थान पर ही स्थित रह सकता है ।
अगर हम किसी प्लेट या थाली को लेते है और उस में इस बैंगन को रखा जाता है तो जब तक यह प्लेट या थाली समतल स्थान पर रहेगी तो बैंगन भी स्थिर रहेगा । मगर जैसे ही थाली या प्लेट को ऐसे स्थान पर रखा जाता है जो की समतल नही होता है तो बैंगन लुढ़कता हुआ दूसरी और चला जात है तो इसी से थाली में जो बैंगन होता है वह बार बार अपना स्थान या पक्ष बदलता रहता है ।
वैसे आपको पता होगा की पक्ष बदलेने वालो का कोई सिद्धात नही होता है तो उन्हे सिद्धांत हिन भी कहा जाता है । तो इस तरह से थाली का बैंगन होना मुहावरे का अर्थ पक्ष बदलने वाला या सिद्धांत हीन होना होता है ।
![थाली का बैंगन होना मुहावरे का अर्थ क्या है और इसका वाक्य में प्रयोग लिखिए](https://hindimuhavare.com/wp-content/uploads/2023/03/थाली-का-बैंगन-होना-मुहावरे-का-अर्थ-क्या-है-और-इसका-वाक्य-में-प्रयोग-लिखिए-1024x680.jpg)
थाली का बैंगन मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए
1. वाक्य में प्रयोग – तुम्हारे जैसा थाली का बैंगन मैंने आज तक नही देखा पहले कहता था की मैं तुम्हारा दोस्त हूं और जब बात पैसो की आई तो दोस्ती भूल गया ।
2. वाक्य में प्रयोग – जब से सुरज ने राजनितीक में कदम रखा है तब से उसने कई बार पार्टी बदल ली ऐसे ही लोगो को समाज में थाली का बैंगन कहा जाता है ।
3. वाक्य में प्रयोग – संजना तो पूरी थाली का बैंगन है क्योकी कल ही एक धनवान लड़के को अपना बॉयफ्रेंड बनाया था और एक महिना हुआ नही दूसरा धनवान लड़का उसका बॉयफ्रेंड बन गया है ।
4. वाक्य में प्रयोग – कंचन के जैसी लड़की तो पूरी थाली की बैंगन होती है क्योकी समय के अनुसार यह अपने बॉयफ्रेंड को बदलती रहती है ।
5. वाक्य में प्रयोग – हमारे सरपंच सहाब तो पूरे थाली के बैंगन बन गए है जिस और फायदा दिखा उसी और चले जाते है ।
6. वाक्य में प्रयोग – रामू को तो हमेशा थाली का बैंगन समझा जाता है क्योकी जिस और ज्यादा पैसे दिखते है उसी और काम करने के लिए चला जाता है ।
लोमड़ी (fox) थाली का बैंगन कैसे बनी, एक मजेदार कहानी
एक जंगल में एक बहुत ही शरारती लोमड़ी (fox) रहती थी। वह हमेशा अपनी चालाकियों से दूसरे जानवरों को परेशान करती रहती थी। उसे सबसे ज्यादा शिकार करने में लुभाव होता था और वह हमेशा सोचती थी कि अगर वह सबसे तेज और सबसे चालाक होती तो उसे और भी अधिक शिकार मिलता।
एक दिन, लोमड़ी (fox) को एक मुर्गा (Cock) मिला जो बहुत ही सुस्त और भोला था। उसने सोचा कि इस मुर्गे को उसकी शिकार बनाना बहुत आसान होगा। लेकिन जैसे ही लोमड़ी (fox) उस मुर्गे के पास पहुंची, उसने देखा कि उसकी आँखों में दर्द था और वह अपने पंखों को नहीं हिला पा रहा था।
लोमड़ी (fox) देखकर संवेदनशील हो गई और उसने मुर्गे से पूछा, “तुम्हारी आँखों में क्या हुआ है? क्या मैं तुम्हें मदद कर सकती हूँ?”
मुर्गा (Cock) ने बताया कि वह एक दिन पहले अपने पंखों के बीच में फंसी हुई थी और उसने कोई भी तरीका नहीं ढूंढ पाया था जिससे वह उसे निकाल सके। लोमड़ी (fox) ने मुर्गे की बात सुनते हुए समझा कि उसे इस मुर्गे की जान बचानी होगी। वह अपनी चालाकियों का इस्तेमाल करने की बजाय इस मुर्गे की मदद करने का फैसला लिया।
लोमड़ी (fox) ने मुर्गे को समझाया कि वह उसे बचा सकती है। वह अपने दोनों पैरों को मुर्गे के पंखों के बीच में डाल दी और फिर धीरे-धीरे पंखे फड़फड़ाना शुरू कर दिया। जैसे ही लोमड़ी (fox) ने पंखों को फड़फड़ाना शुरू किया, मुर्गा (Cock) उड़ने लगा। उसके पंख खुल गए और वह फिर से उड़ने लगा।
लोमड़ी (fox) ने मुर्गे को सफ़े जगह तक उड़ाकर उसे छोड़ दिया। मुर्गा (Cock) बहुत खुश था और लोमड़ी (fox) का धन्यवाद देते हुए उससे कहा, “धन्यवाद लोमड़ी (fox) दोस्त, तुमने मेरी जान बचाई।”
लोमड़ी (fox) को अपनी बुरी आदत से निजात मिल गई। उसने समझा कि उसकी चालाकियों के बदले अपने साथियों की मदद करना बेहतर होगा। लोमड़ी (fox) अब साथियों की मदद करने लगी थी। वह अपनी समझदारी और चालाकी का इस्तेमाल करते हुए अपने साथियों को मदद करती थी।
एक दिन लोमड़ी (fox) और उसके साथी एक जंगल में घूम रहे थे। उन्हें एक गुहा दिखाई दिया जो जंगल के अंदर जाती थी। वे उस गुहे में जाने का निर्णय लिया। गुहे में जाने से पहले, लोमड़ी (fox) ने अपने साथियों से यह सलाह दी कि वे ध्यान से देखें और अपने पक्ष में सोचकर फैसला लें।
जब वे गुहे में पहुंचे, तो वे देखा कि वहाँ एक जाल फैला हुआ था। गुहे से बाहर निकलने के लिए वे उस जाल से निकल नहीं सकते थे।
लोमड़ी (fox) ने अपने साथियों से कहा कि वह जाल से बाहर निकलने के लिए उनकी मदद करेगी। वह अपनी पूरी चालाकी का इस्तेमाल करते हुए उस जाल को काट दिया और उन्हें बाहर निकाल दिया। उन सभी साथियों ने लोमड़ी (fox) को बधाई दी और उसे उनके अच्छे दोस्त की तरह मानने लगे।
मगर एक दिन लोमड़ी (fox) का सामना एक शेर से हो जाता है जो की उसे मारना चाहता था । मरग लोमड़ी (fox) ने किसी तरह से अपनी जान बचा ली और शेर से कहा की मैं तुम्हारी दोस्त बनना चाहती हूं । और बदले में मैं तुम्हे शिकारी के बारे में बताउगी । और यही कारण था की लोमड़ी (fox) को शेर ने नही मारा था । अब लोमड़ी (fox) जो थी वह अपने साथियो को ही शेर के पास लेकर चली जाती है और यह सब देख कर लोमड़ी (fox) के साथी कहते है की यह तो थाली का बैंगन निकला जो की हमे मुसीबत में डाल दिया है ।
![लोमड़ी (fox) थाली का बैंगन कैसे बनी, एक मजेदार कहानी](https://hindimuhavare.com/wp-content/uploads/2023/03/लोमड़ी-fox-थाली-का-बैंगन-कैसे-बनी-एक-मजेदार-कहानी.jpg)
एक दिन लोमड़ी (fox) के सामने चीता (Leopard) आ गया जिसे देख कर लोमड़ी (fox) ने अपनी जान बचाने की सोची और थाली का बैंग बनते हुए लोमड़ी (fox) चीते की दोस्त बन गई ओर कहा की तुम्हारा दुश्मन शेर है और वही जानवरो को बड़ी मात्रा में मार देता है अगर तुम शेर को मार दो तो तुम्हारे लिए काफी भोजन का रास्ता निकल जाएगा । और इस तरह से चीता (Leopard) और शेर के बिच में झगड़ा हुआ । मगर अंत में शेर विजय हुआ ओर चीता (Leopard) हार कर भा गया । अब लोमड़ी (fox) जो थी वह शेर की तरफ होने लग गई थी ।
मगर शेर को पता चल गया था की यह तो थाली का बैंगन है जो की किसी का नही होता है और यही कह कर शेर ने लोमड़ी (fox) को चुनोती दी की आज के बाद में अगर तुम मुझे दिखती हो तो तुम्हारा भी शिकार हो जाएगा । और इस तरह से फिर लोमड़ी (fox) न तो अपने कुल की तरफ जा पाई और न ही शेर की साथी बन पाई और नही चिते की साथी बन पाई । बल्की अपना जीवन अकेले ही बिताने लग गई थी । और इसी तरह से उसका जीवन बितता गया । इस तरह से लोमड़ी (fox) थाली का बैंगन थी ।