सिर चढ़ाना मुहावरे का अर्थ, sir chadna muhavare ka arth aur vakya mein prayog kijiye
अगर आपके सीर पर कोई जाकर बैठ जाता है तो आप इसे सिर चढना कहेगे । नही ऐसा नही कहा जा सकता है हालाकी आम भाषा में ऐसा कहते है मगर इस मुहावरे का मतलब ऐसा नही होता है । अब रही बात यह की सिर चढाना मुहावरे का अर्थ क्या होता है तो आप जैसे महान विद्वानो को इस लेख में अच्छी जानाकरी मिल सकती है देखे –
सिर चढ़ाना मुहावरे का अर्थ क्या होगा?
मुहावरा हिंदी में (idiom in Hindi) | मतलब या अर्थ (Meaning in Hindi) |
सिर चढ़ाना | अयोग्य व्यक्ति को बहुत अधिक महत्व देकर मुसीबत मोल लेना। |
सिर चढ़ाना मुहावरे को समझने का प्रयास करे –
सिर को हमेशा महानता की निशानी माना जाता है और अगर सिर उठा रहता है तो इज्जत या महानता बनी रहती है मगर सिर झूक जाने पर इज्जत नष्ट हो जाती है या महानता खत्म हो जाती है ।
वही पर अगर किसी को सिर पर चढाया जाता है तो इसका मतलब है की उसे काफी अधिक महत्व दिया जाता है । इस कारण से कहा जाता है की सिर पर उसे ही चढाना चाहिए जो इसके योग्य है क्योकी अयोग्य व्यक्ति से मुसीबत देखने को मिल सकती है । और यही कारण है की सिर चढाना मुहावरे का अर्थ अयोग्य व्यक्ति को बहुत अधिक महत्व देकर मुसीबत मोल लेना होता है ।
आप जैसे विद्वानो को यह जरूर पता है की किसी अयोग्य व्यक्ति को बहुत अधिक महत्व देकर परेशानी मोल लेना उल्टा पड़ सकता है और पहले से अधिक समस्याएं पैदा कर सकता है। इस कारण से अयोग्य व्यक्ति को महत्व नही दिया जाना चाहिए । जो इसके काबिल है उसे ही महत्व देना चाहिए ।
सिर चढ़ाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग –
वाक्य में प्रयोग – धन्यश्याम जी आप अपने नोकरो को कुछ ज्यादा ही सिर पर चढाने लगे हो तभी आपकी वे एक बात नही मान रहे है ।
वाक्य में प्रयोग – सरती को बचपन से ही उसके माता पीता ने सिर चढा लिया था और यही कारण है की आज वह अपनी पसंद के लड़के से विवाह करने की जीद कर रही है ।
वाक्य में प्रयोग – जब सुरज अपने बॉस को काम करने का आदेश देने लगा तो बॉस समझ गया की नोकरो को सिर पर चढा कर उसने गलती कर दी ।
वाक्य में प्रयोग – हजारी लाल की हिम्मत नही होती है की सेठ को बुरा भला कह सके मगर सिठ ने स्वयं ही उसे सिर पर चढा लिया है ।
आखिर कैसे खरगोश को सिर चढाना पड़ महंगा
अगर खरगोश की बात करे तो जंगल में आपको अनेक तरह के खरगोश देखने कारे मिल जाएगे । मगर चार्ली खरगोश उन सभी खरगोशो में से अच्छा और समझदार है । चार्ली भले ही छोटा हो मगर अपने आस पास रहने वाले जानवरो के लिए अच्छा था । चाली सभी जानवरो में से छोटा था । जिसके कारण से सभी चार्ली को प्रेम करते थे ।
एक बार की बात है, चार्ली नाम का एक छोटा खरगोश था। उसने कुछ गलत किया लेकिन किसी ने उसे कुछ नहीं बताया। आखिरकार, उसे बस इस बात की आदत हो गई कि वह हमेशा कुछ गलत करने के लिए मुसीबत में पड़ जाएगा। चार्ली रैबिट एक शरारत करने वाला हुआ करता था। वह दिन भर इधर-उधर भागता और खेलता। लेकिन फिर एक दिन वह बीमार हो गया। चार्ली को एक गंभीर बीमारी का पता चला था और उसे आराम की जरूरत थी।
शुक्र है कि चार्ली के दोस्त उसके कठिन समय में उसकी मदद करने के लिए वहां मौजूद थे। वे उसके लिए किताबें लाते और उसके साथ तब तक खेल खेलते जब तक वह बेहतर महसूस नहीं करता। जब चार्ली खरगोश ठीक हो गया तो सभी खुश थे । मगर अब खरगोशो के डॉक्टर ने कहा था की चाली को किसी तरह से परेशान न करे वारना यह गंभी बरीमारी में पड़ सकता है । ओर यह सुन कर कोई भी चार्ली को कुछ नही कहता था ।
एक बार की बात है चार्ली नाम का एक खरगोश था जिसने हिरण की कुछ घास खा ली। हिरण ने उससे कुछ नहीं कहा, लेकिन वे शायद यही सोच रहे होंगे। की अगर चार्ली को कुछ कहा गया तो वह बीमार हो सकता है । और यही कारण था की हिरण ने उसे कुछ नही कहा ।
चार्ली रैबिट को अकेले खेलना अच्छा लगता था और जब उसने बिल्ली का दूध गिराया तो उसे पता ही नहीं चला कि बिल्ली उसे देख रही है। अगले दिन, जब चार्ली बिल्ली को देखने गया, तो वह अपनी सामान्य जगह पर बैठी थी और उसने उससे एक शब्द भी नहीं कहा। चार्ली वास्तव में शर्मिंदा महसूस करने लगा और भागने लगा।
मगर इस बिच में चार्ली को बिल्ली ने बिल्कुल नही डाटा था । ऐसा बार बार हो रहा था मगर जंगल के जानवर चार्ली को कुछ नही कहते थे । जिसके कारण से चार्ली को मोका मिल गया ओर वह अपना पेट भरने के लिए दूसरो का भोजन उपयोग में ले लेता था । साथ ही चार्ली जो था वह दूसरो का भोजन नष्ट भी कर देता था ।
मगर कोई उसे कुछ नही कहता था । सभी ने चार्ली को सीर चढा लिया था । अब होना क्या था एक दिन चार्ली जंगल से पानी पी कर आ रहा था ओर ऐसे ही अकेले बात कर रहा था की मैं वहां पर रहता हूं और सभी जंगली जानवर मुझसे डरते है । यह सुन कर शेर बहार आता है और चार्ली को कहता है की क्या कहा बरखुदार मैं तुमसे डरता हू
तब खरगोश ने कहा की जंगल के कोई भी जानवर मुझे कुछ नही कहता है अगर हिम्मत है तो उनके सामने मुझे कुछ कह कर दिखाओ । इस तरह से चार्ली की नादानी के कारण से शेर उसके साथ साथ जंगल के सभी जानवरो के बिच में चला गया ।
जब शेर ने जंगल के बहुत सारे जानवर देखे तो वह खुश हुआ और बिना कुछ कहे ही एक एक पर टूट पड़ा और चार्ली यह देख रहा था और मजे ले रहा था । काफी समय बितने के बाद में जब कोई भी शेर को नही मिला तो वह चार्ली को ही खाने के लिए चल पड़ा । मगर चाली भाग कर पतले पेड़ पर चढ गया और इस तरह से शेर को भोजन नही मिला ओर वह वहां से चला गया ।
काफी समय बात जब चार्ली निचे आया तो बाकी जानवर भी आ गए और उन्होने चार्ली की और देखा तो चार्ली हंस रहा था ओर यह देख कर सभी जानवर क्रोधित हो गए ओर कहा की आज इस खरगोश ने तो हमे मार ही डाला था ।
तभी हिरण ने कहा की आप सभी ने इसे सिर चढाया था जिसके कारण से ही आज यह मुसीबत नजर आ पड़ी है ।
इसके बाद में चार्ली को सभी ने जोरो सोरो से सुनाना शुरू कर दिया और चार्ली को पता चला की अगर वह गलती करता है तो यह जानवर उसे मार भी सकते है । इसके बाद में चार्ली ने नादनी करनी छोड़ और सभी के साथ सही तरह से अपना जीवन बिताने लगा ।
इस तरह से दोस्तो चार्ली को जंगली जानवरो ने सिर पर चढाया था जिसके कारण से काफी बड़ी मुसीबत आ गई थी ।