ऊंट के मुंह में जीरा मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग, unt ke munh mein jeera

ऊंट के मुंह में जीरा मुहावरे का अर्थ , unt ke munh mein jeera muhavare ka arth aur vakya prayog

उंट को जीरा खाना पसंद होता है की नही यह एक अलग बात होती है । महत्वपूर्ण यह है की ऐसा एक मुहावरा है जो की ऊंट के मुंह में जीरा ‌‌‌अब प्रशन आता है की इस मुहावरे का अर्थ क्या होता है । तो आपको बता दे की इस बारे में आपको लेख में बताया जा रहा है देखे –

उंट के मुंह में जीरा मुहावरे का अर्थ क्या होगा

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
उंट के मुंह में जीराज़रूरत से कम वस्तु का मिलना ।

उंट के मुंह में जीरा मुहावरे को समझने का प्रयास करे –

जीरा एक मसाला है जो अक्सर मध्य पूर्वी व्यंजनों में प्रयोग किया जाता है। इसमें एक गर्म, मिट्टी का स्वाद है और यह जमीन और पूरे दोनों रूप में पाया जा सकता है। ‌‌‌अगर इसे हम स्वयं खाते है तो हमे भोजन काफी अच्छा लगता है मगर भुख जो होती है वह शांत नही होती है । और एक उंट के लिए तो यह जरूरत से कम ही होता है । इस कारण से हमेशा उंट को भोजन पर्याप्त मात्रा में देना चाहिए । मगर उंट के मुंह में जीरा होने का मतलब होता है ज़रूरत से कम वस्तु का मिलना ।

ऊंट के मुंह में जीरा मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग, unt ke munh mein jeera

‌‌‌उंट के मुंह में जीरा मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

वाक्य में प्रयोग पप्पू यादव को व्यापार करते हुए आज 10 वर्ष से अधिक समय हो चुका है मगर महिने का 23 हजार का ही प्रोफिट हो पता है यह तो वही बात हुई उंट के मुंह मे जीरा ।

वाक्य में प्रयोग दसवी की कक्षा का पेपर चल रहा था तो राहुल ने 10 नम्बर के प्रशन ही किए थे ‌‌‌यह देख कर अध्यापक ने भी सोचा उंट के मुंह में जीरा ।

वाक्य में प्रयोग विद्यालय में प्रोग्राम चल रहा था तो राहुल को वहां पर बोलने के लिए बुलाया गया तब राहुल ने कहा की कैसे हो आप सभी अच्छा अध्ययन करना और वहां से चले गए यह तो वही बात हुई उंट के मुंह में जीरा ।

‌‌‌ वाक्य में प्रयोग महेश को काफी अधिक भुख लगी थी तो उसने खाना मागा मगर महेश की पत्नी ने 20 के लगभग अनार के दाने दे दिए और कहा की खा लो तब महेश ने कहा की उंट के मुंह में जीरा  ।

‌‌‌आखिर शेर के साथ कैसे हुए उंट के मुंह में जीरा वाली बात, एक मजेदार कहानी

भारत के जंगलों में एक शेर रहा करता था। शेर एक विशाल जानवर था और यह जंगल में सबसे मजबूत शिकारियों में से एक था। शेर प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र का एक हिस्सा था और इसने जंगल को सुरक्षित रखने में मदद की। ‌‌‌और शेर अपना जीवन जंगल में काफी खुशहाली से बिताता था ।

‌‌‌शेर के चारो और तरह तरह के जानवर रहते थे जिसके कारण से उसे कभी भोजन की कमी नही देखने को मिली । और यही कारण था की भारत के जंगल में रहने के बाद मे शेर के काफी मजे थे । शेर अपना जीवन जीस तरह से जीता था उस तरह से शायद ही कोई अन्य जानवर जी पाता था ।

‌‌‌शेर को किसी प्रकार की कोई टेंसन नही थी जब चाहे भोजन कर सकता था और यही बात शेर को रोचक बना देती है । ‌‌‌शेर का जीवन इसी तरह से बित रहा था । मगर जब शेर 15 वर्ष के करीब हुआ तो एक दिन शेर भोजन के लिए जंगल में फिर रहा था तो उसे एक हिरण दिखाई दिया  । वह हिरण काफी ज्ञानी और सभी हिरण में साधू माना जाता था । मगर शेर ने उसे नही छोड़ा और उसका अंत करने के लिए शेर का पीछा शुरू कर दिया था ।

‌‌‌यह देख कर हिरण ने बचने की काफी कोशिश की और भागता रहा । अंत में हिरण थक गया और उसने शेर से कहा की अगर तुमने मुझे खाया तो तुम्हे फिर कभी भी भर पेट भोजन नही मिलेगा । हिरण की बात सुन कर शेर हंसने लगा और कहा की तुम इतने शक्तिशाली हो जो कह रहे हो वेसा होकर रहेगा ।

शेर की बात सुन कर हिरण ने ‌‌‌कहा की मैं सभी हिरण में साधू हूं और तुम एक साधू को मार रहे हो तो यह अच्छा नही है । तब शेर फिर से हंसा और कहा की भला मानव में तो साधू होते है मगर हिरण में भी साधू होते है और यह कहते हुए शेर ने हिरण को मार दिया ।

हिरण के कहे अनुसार शेर के उल्टे दिन शुरू हो गए । अगले ही दिन जब शेर भोजन के ‌‌‌लिए तलाश में गया तो उसे कुछ नही मिला । थक हार कर शेर ने अपनी गुफा में विश्राम किया । तब शेर ने देखा की उसकी गुफा में एक चुहा है शेर को भुख लगी थी तो शेर ने चुहे को पकड़ लिया और खाने ही वाला था की चुहे ने कहा की मैं तो तुम्हारे लिए उंट के मुंह में जीरा हूं ।

‌‌‌चूहे की बात सुन कर शेर ने कहा की हां वह तो है । मगर फिर शेर ने चूहे को खा लिया और कसी तरह से सो गया । अगले दिन की बात है फिर शेर भोजन करने के लिए जाता है मगर उसे कोई नही मिलता है उसे एक चिडिया नजर आती है शेर चुकपे से जाता है और उसे पकड लेता है ।

ऊंट के मुंह में जीरा मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग, unt ke munh mein jeera

चिड़िया ने शेर से उसे छोड़ने की बहुत मिन्नतें कीं, लेकिन शेर ने एक न सुनी। आखिरकार चिड़िया भीख मांग कर थक गई और उसने उड़ने का फैसला किया। मगर शेर ने उसे जाने नही दिया तो आखिर में चिड़िया ने कहा की मैं तुम्हारे लिए उंट के मुंह में जीरा हूं । यह सुन कर शेर को याद आया की चूहे ने भी उसे ऐसा ही कहा ‌‌‌था । तब शेर को इस बात का मतलब समझ में नही आया तो उसने कहा की इसका मतलब क्या होता है । तब चिड़िया ने कहा की मैं तुम्हारी भुख मिटाने के लिए पर्याप्त नही हूं । यह सुन कर शेर ने उसे मार दिया और खा गया।

‌‌‌मगर अगले दिन शेर को खरगोश मिल जाता है और उसके बाद अगले दिन फिर से शेर को एक छोटा जानवर मिलता है । अगले दिन फिर चिड़िया और इसी तरह से शेर की भूख पूरी तरह से नही मिटती थी। और शेर फिर कमजोर हो गया और कमजोर में अपना पूरा जीवन बिताने लगा ।

‌‌‌इस तरह से दोस्तो शेर के लिए उंट के मुंह में जीरा वाली बात हुई थी ।

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