सिर धुनना मुहावरे का अर्थ क्या होता है और इसका वाक्य में प्रयोग करे

सिर धुनना मुहावरे का अर्थ , sir dhunna muhavare ka arth aur vakya me prayog

सिर धुनना का मतलब यह नही होता है की आप अपने सिर को साबुन लगा कर धोने लग जाओ । विद्वानो यह एक मुहावरा है और इसका अर्थ तभी निकाला जा सकता है जब आप इसका वाक्य में प्रयोग करते है । आपको बता दे की सिर धुनना एक ऐसा मुहावरा है जो की प्रसिद्ध मुहावरो की लिस्ट में आता है । यह मुहावरा काफी बार तो ‌‌‌परिक्षाओ में पूछ लिया गया है । तो आइए जानते है सिर घुनना मुहावरे का अर्थ और इसका वाक्य में प्रयोग किस तरह से हो सकता है –

सिर धुनना मुहावरे का अर्थ क्या होता है –

‌‌‌मुहावरा (idiom in Hindi)‌‌‌अर्थ ‌‌‌या मतलब (Meaning in Hindi)
सिर धुननाशोक अथवा दुख प्रकट करना या ‌‌‌स्वयं गलती पर पश्चाताप करना है।

‌‌‌सिर धुनना मुहावरे को समझने का प्रयास करे

‌‌‌सिर धुनने से तात्पर्य यह होता है की सिर को खुजलाने लग जाना या फिर सिर पर हाथ रख लेना । मगर यह इस मुहावरे का अर्थ नही है । बल्की जब कभी आप किसी कारण से ऐसा करते हो तो आपके अंदर कुल तीन तरह की स्थिति हो सकती है पहली की आपको किसी तरह का दुख होगा । और दूसरा की आप किसी तरह का शोक प्रकट कर ‌‌‌रहा है । और अंत की स्थिति में आपको स्वयं ही गतल पर जब पश्चाताप होता है तब ऐसा किया जाता है । तो यह जो तीन तरह की स्थिति होती है यही इस मुहावरे का अर्थ है । क्योकी जब आप वाक्य में प्रयोग करते है तो केवल यही स्थिति आपको देखने को मिलेगी ।

‌‌‌कुछ विद्वानो ने कहा की मुहावरो के अर्थ के बारे में पता लगाने के लिए उनका वाक्य में प्रयोग कर लेना चाहिए । ताकी मुहावरा अच्छी तरह से समझ में आ जाए और इसका अर्थ पता चल जाए । तो आइए जानते है इसके वाक्य में प्रयोग किस तरह से होगे –

सिर धुनना मुहावरे का अर्थ क्या होता है और इसका वाक्य में प्रयोग करे

‌‌‌सिर धुनना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

वाक्य में प्रयोग जैसे ही राहुल को पता चला की उसके अध्यापक का देहांत हो चुका है तो राहुल सिर धुनने लगा ।

वाक्य में प्रयोग जब सेठधनमल की गलती के कारण से उसका सारा धन नष्ट हो गया तो सेठधनमल सिर धुनने लगा ।

वाक्य में प्रयोग पिता के देंहांत की खबर सुनते ही महेश सिर धुनने लगा ।

वाक्य में प्रयोग कल हमारे गाव में 60 वर्ष ‌‌‌के एक आदमी की मोत हो गई थी तो गाव के बहुत से लोग वहां पर सिर धुन रहे थे ।

सेठधनमल को आखिर क्यो अपना सिर धुनना पड़ा एक कहानी

एक नगर में सेठधनमल नाम का एक व्यक्ति रहता था जिसके पास धन की कोई कमी नहीं थी। वह अपने धन के कारण जो करना चाहता था वह कर सकता था। वह हमेशा ऐसे लोगों से घिरा रहता था जो उसकी जीवन शैली से प्रभावित थे और वह कैसे कुछ भी वहन कर सकता था जो वह चाहता था। संसार का सारा धन होने पर भी उसे कभी संतोष नहीं हुआ। वह हमेशा अपने धन को खर्च करने और अधिक पैसा बनाने के नए तरीकों की तलाश में रहता था।

सेठधनमल हमेशा जुआरी था। उन्हें कैसीनो में खेलने का उत्साह और रोमांच बहुत पसंद था। लेकिन उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि इससे पैसे कमाए जा सकते हैं। एक दिन, उसने इसे आजमाने का फैसला किया और कैसीनो में अपना पैसा निवेश करना शुरू कर दिया। कुछ ही महीनों में उसने बहुत पैसा कमाया था।

जुआरी सेठ धनमल कैसीनो में इतना पैसा खर्च कर रहा था कि वह बार-बार हार रहा था। वह इसमें मदद नहीं कर सका – उसे सिर्फ जुए की लत थी। लेकिन फिर एक दिन उसके लिए चीजें बदल गईं। उसने एक ही रात में 100,000 जीते और ‌‌‌जिसके कारण से सेठधनमल काफी खुश था । और उसका कैसीनो में खेलना और अच्छा लगने लगा था ।

पैसे जीतने के बाद सेठ बार-बार कसीनो में जाता और खेलता। लेकिन अब वह हार का सामना कर रहा था, कुछ ही महीनों में अपना सारा पैसा गंवा चुका था। वह जानता था कि यह अपना दृष्टिकोण बदलने का समय है, इसलिए उसने कुछ नई रणनीतियों को आजमाने का फैसला किया। ‌‌‌मगर वह अपने आप को जुआ खेलने से नही रोक पाया था ।

सेठधनमल ने कैसीनो में बहुत पैसा जीत लिया था, लेकिन वह भी बहुत पैसा हार गया। वह घर जाता और अपने बटुए से अपने पैसे निकालता, और फिर वह कैसीनो में यह सब खो देता। लेकिन भले ही वह बहुत पैसा खो रहा था, फिर भी सेठधनमल अपने घर से पैसा लाता था और उस पर जुआ खेलता था। अंत में, उसने वह सब खो दिया था जो उसने कमाया था। ‌‌‌वह सब कुछ नष्ट हो गया ।

सिर धुनना मुहावरे का अर्थ क्या होता है और इसका वाक्य में प्रयोग करे

कैसीनो में सब कुछ खोने से पहले सेठधनमल एक खुशमिजाज व्यक्ति था। उसे खेलने में मजा आता था और उसे लगता था कि यह कुछ अतिरिक्त पैसे कमाने का एक मजेदार तरीका है। अब वह बर्बाद हो गया है और उसके पास कुछ भी नहीं बचा है। सेठधनमल अकेले व्यक्ति नहीं हैं जिन्होंने कैसीनो में सब कुछ खो दिया है; और भी बहुत से लोग हैं जो इसी तरह से चोटिल हुए हैं। कैसीनो में खेलने से पहले जोखिमों से अवगत होना महत्वपूर्ण है, ताकि आप वह सब कुछ खो न दें जिसके लिए आपने काम किया है।

‌‌‌मगर अब क्या हो सकता था । अब सेठधनमल घर बैठ कर अपना सिर धुनने लगा था । मगर अब सेठधनमल के कैसिनो में सब कुछ हारने के कारण से उसकी पत्नी भी उसे काफी कुछ भला बुरा कहने लगी थी । ‌‌‌पत्नी ने कहा की आपकी इन बुरी आदतो के कारण से आज हमारे पास कुछ नही है। मगर तभी सेठधनमल रोने लगा और अपनी गलती के कारण से पत्नी से माफी मांगने लगा । मगर तब सेठधनमल को उसकी पत्नी ने कहा की अब सिर धनुने से कुछ नही होगा जो कुछ हो चुका है वह हो चुका है ।

अब यह सोचो की वापस धन कैसे कमाया जा सकता है ‌‌‌और फिर कभी भी इस धन को कैसीनो में खर्च नही करना है । पत्नी की बात मान कर सेठधनमल ने फिर कभी भी कैसीनो की तरफ मुंह नही किया । तो इस तरह से सेठधनमल को सिर धुनना पड़ गया था ।

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