tilmila uthna muhavare ka arth kya hai, तिलमिला उठना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग
अगर आप रात को सोते हो और अचानक तिलमिलाने लग जाते हो तो हो गया तिलमिला उठना ………… वैसे मजाक कर रहे है ऐसा नही होता है ।
दरसल यह एक प्रसिद्ध मुहावरा है और इसका जो अर्थ होता है वह कुछ अलग ही होता है तो आइए जानते है की आखिर तिलमिला उठना मुहावरे का सही अर्थ क्या होता है और इसका वाक्य में प्रयोग क्या होता है । दोस्तो यहां पर अच्छी जानकारी मिल सकती है तो लेख देखे –
तिलमिला उठना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा बताइए
मुहावरा हिंदी में (idiom in Hindi) | मतलब या अर्थ (Meaning in Hindi) |
तिलमिला उठना | बहुत बुरा मानना । |
तिलमिला उठना मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे
वैसे तिलमिलाना का अर्थ होता है बैचने होता और इस शब्द से यह तिलमिला शब्द बना है तो इसका मतलब भी बेचैन होना होता है । वैसे यह भी कहा जाता है की जब मानव को कोई बुरा कहता है या कुछ ऐसा कहता है जो की पसंद न आए तो मानव बेचैन हो जाता है । और जो व्यक्ति बाते कहता है उसकी बातो का बुरा मान लिया जाता है । वैसे तो जीवन में बुरा मानने वाली बाते अनेक तरह की होती है तो हम ऐसी बातो के कारण से तिलमिला का प्रयोग कर सकते है । कुल मिलाकर यह बात है की तिलमिला उठना मुहावरे का अर्थ बहुत बुरा मानना होता है ।
विद्वानो शायद आपको यह ज्ञान कम लग रहा होगा तो आपको वाक्य देखने चाहिए हो सकता है की मुहावरा समझने में उपयोगी हो
तिलमिला उठना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए
1. वाक्य में प्रयोग – Bhoothnath फिल्म में अध्यापक बच्चो का भोजन खा जाता था जिसके कारण से बच्चे तिलमिला उठते थे ।
2. वाक्य में प्रयोग – अध्यापक के लंच बॉक्स खाने के कारण से सभी बच्चो ने उनकी शिकायत प्रिंसिपल से की तो अध्यापक तिलमिला उठा ।
3. वाक्य में प्रयोग – दुश्मन देश तो यह सोच कर भी भारत पर हमला नही करता है की अगर इंडियन आर्मी इस बात के कारण से तिलमिला उठी तो फिर उनका क्या होगा ।
4. वाक्य में प्रयोग – आतंकवादियो के हमला करने के कारण से इंडियन आर्मी तिलमिला उठी और आतंकवादियों को बुरी तरह से मार गिराया ।
5. वाक्य में प्रयोग – पति ने पत्नी के लिए एक नई साडी नही खरीदी तो पत्नी तिलमिला उठी ।
6. वाक्य में प्रयोग – सुरेश ने एक छोटी सी बात के लिए अपनी पत्नी को डांट क्या दिया वह तो तिलमिला उठी ।
7. वाक्य में प्रयोग – जब संज्जू ने अपनी पत्नी के लिए अच्छा खाना नही बनाया तो वह तिलमिला उठा ।
8. वाक्य में प्रयोग – महेश के खाने में एक बाल क्या आ गया वह तो तिलमिला उठा और अपनी पत्नी से झगड़ा करने लगा ।
आखिर क्यो चीता तिलमिला उठा, एक अनोखी कहानी
दोस्तो बहुत समय पहले की बात है एक अच्छा सा हरा भला और रंग बिरंगा जंगल हुआ करता था और वहां पर अनेक तरह के जानवर रहते है । मगर कहते है की हर जंगल में कुछ ऐसे जानवर होते है जो की अन्य सभी से अनोखे होते है । और उसी जंगल में ऐसे दो जानवर रहते थे ।
जिनमे से एक चीता था और दूसर तेंदुआ था । दोनो एक दूसरे के काफी अच्छे मित्र थे और हमेशा साथ साथ रहते थे और एक ही तरह का भोजन करना पसंद करते थे । यहां तक की उन दोनो में किसी बात के लिए बहस तक नही होती थी ।
इस तरह का साथ देख कर हर कोई उन दोनो की जंगल में मिसाल दिया करते थे और कहते थे की दोस्ती हो तो उन दोनो की तरह । मगर ऐसे दोस्त भला मिल किसे सकते है क्योकी यह इतना आसान नही था ।
उस जंगल में कुछ जानवर ऐसे भी थे जो की हमेशा चीता ओर तेंदुआ की दोस्ती को देख कर अच्छा महसुस नही करता था । और उनमे से ही एक शेर था । दरसल शेर हमेशा चीता से नफरत करता था और वह नही चाहता था की उसका साथी तेंदुआ हो । क्योकी वह तेंदुआ से भी नफरत करता था ।मगर एक दिन क्या होता है की शेर के बिना कुछ किए ही उनकी दोस्ती में छोटी सी दरार पड़ जाती है ।
दरसल एक बार की बात है जब चीता अपने घर में आराम कर रहा था तो उस समय वहां पर तेंदूआ आता है और वह कहता है की भाई चलो आज एक नया शिकार करते है । तब चीता ने कहा की आज कुछ तबियत ठिक नही है तो शिकार करना आसान नही होगा ।
मगर तेंदूआ ने कहा की नही चलो तो हम दोनो साथ में मिलकर शिकार करेगे और भोजन को बाट कर खा लेगे ।
यह सुनने के बाद में चीता और तेंदुआ दोनो चलने के लिए तैयार हो गए और वह जाते जाते अपने साथ में भोजन को रखने के लिए एक थेली रख ली थी ।
कुछ समय बितने के बाद में दोनो को जंगल में देखा जाता है जो की आराम से इधर उधर फिर रहे थे । तेंदूआ देखते ही समझ गया था की आज चीता काफी बीमार होता है । इतने में चीता ने कहा की वह देखो हिरण । यह सुन कर तुरन्त तेंदुए ने उस और देखा होर जैसे ही उसे हिरण दिखा तो उस पर हमला करने के लिए तैयार हो गया । तेंदुआ हिरण के आगे से होकर जाता है और चीता पीछे ही रहता है ।
कुछ समय के बाद में जब हिरण को पता चलता है की आज उसकी सामत आई है तो वह अपनी जान बचाने के लिए चीता की तरफ भागने लग जाता है । मगर किसी तरह से चीता ने उसे रोक लिया और उसे पकड़ लिया । मगर हिरण चालाक था वह चीता से छुट कर भाग निकला । और ऐसा होने के कारण से तेंदुआ को चीता पर काफी घुस्सा आया मगर उसने कुछ नही किया बल्की हिरण को पकड़ने की कोशिश की और हिरण पकड़ा गया तो उसे वही पर खत्म कर दिया दिया गया ।
अब चीता भी तेंदुआ के पास आ जाता है और भोजन को बाटने की बात कहता है । मगर तेंदुआ कहता है की भई तुम्हे तो भोजन नही मिलेगा क्योकी तुमने तो शिकार को जाने दिया था । मगर चीता यह सुन कर हैरान हो जाता है और कहता है की मैंने तुम्हारी मदद की थी ।
मरग तेंदुआ इसे मदद नही मानता है और कहता है की यह मदद बैकार थी और ऐसा सुन कर चीता तिलमिला उठता है और तेंदुआ पर हमला कर देता है । मगर तेंदुआ कम नही था वह भी हमला कर देता है । काफी समय तक हमला चलते रहने के बाद में दोनो थक जाते है ओर दोनो ने अपनी गलती मानी और एक दूसरे से माफी मागी ।
चीता ने तेंदुआ को और तेंदुआ ने चीता को माफ कर दिया और दोनो ने भोजन को आपस में बाट लिया और एक दूसरे साथ मिल कर उसे खाने के लिए चले गए । तो इस तरह से फिर दोनो ने एक साथ ही जीवन गुजारा ।
इस तरह चीता और तेंदुआ तिलमिला उठता था ।