‌‌‌जानिए खरी खोटी सुनाना मुहावरे का अर्थ क्या होगा

खरी खोटी सुनाना मुहावरे का अर्थ, khari khoti sunana muhavare ka arth aur vakya mein prayog

अभी हाल के दिनो की बात है । जब मेरे एक स्टूडेंट ने जीडी का एग्जाम दिया था तो उसमें खरी खोटी सुनाना मुहावरे के बारे में पूछा था । मगर उसे उत्तर का पता था तो उसने उसे सही किया और आज वह इस प्रशन के कारण से कुल दो नम्बर प्राप्त कर चुका है ।

‌‌‌और इसी तरह से आपको भी इस मुहावरे के अर्थ के बारे में पता होना जरूरी है ।

आपको बता दे की खरी खोटी सुनाना एक प्रसिद्ध मुहावरा है जो की आज के युग से ही नही बल्की प्राचीन युग से चला आ रहा है । वैसे बहुत से लोग इस मुहावरे के बारे मे अच्छी तरह से जानते है । मगर आप इस मुहावरे के बारे में नही जानते ‌‌‌है तो आपके लिए यह लेख उपयोगी होगा ।

खरी खोटी सुनाना मुहावरे का अर्थ क्या होता है

‌‌‌मुहावरा (idiom in Hindi)‌‌‌अर्थ ‌‌‌या मतलब (Meaning in Hindi)
खरी खोटी सुनानाभला बुरा कहना

‌‌‌आज का युग ऐसा है की हर किसी के अंदर क्रोध भरा हुआ है । ओर यह बात आप जैसे विद्वान अच्छी तरह से समझते है । क्योकी आज हम किसी का भला भी करते है तो वह हमे बुरा कहने लग जाता है । और बुरा करते है तो वह हमे बुरा कहेगा ही । मगर बात यह है की हम किसी का अच्छा कर रहे है मगर फिर भी वह हमे ऐसा कुछ कह ‌‌‌रहा है जो की हमारे लिए बुरा है । तो इस बात का मतलब हुआ की वह हमे खरी खोटी सुना रहा है । क्योकी खरी खोटी सुनाना मुहावरे का मतलब होता है भला बुरा कहना । तो जब भी किसी कारण से भला बुरा कहने की बात है तब इसे खरी खोटी सुनाना कहेगे । 

‌‌‌वैसे विद्वानो आपको याद रखना है की खरी खोटी सुनाना मुहावरे का अर्थ भला बुरा कहना ही होता है ।

‌‌‌जानिए खरी खोटी सुनाना मुहावरे का अर्थ क्या होगा

‌‌‌खरी खोटी सुनाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

वाक्य में प्रयोग – किसन ने तो रामू की मदद ही की थी मगर उसने तो ‌‌‌खरी खोटी सुना दी  ।

वाक्य में प्रयोग – क्यो इसे बेवजह खरी खोटी सुना रही हो ।

वाक्य में प्रयोग – जब रमेश और सुरेश झगड़ा करते हुए अध्यापक के सामने आए तो दोनो को अध्यापक ने खरी खोटी सुनाई ।

वाक्य में प्रयोग – जब कंपनी में चोर चोरी कर कर ले गए तो अधिकारी ‌‌‌चोकीदार को खरी खोटी सुनाने लगा ।

‌‌‌किसन को बेवजह ‌‌‌खरी खोटी सुना दी एक कहानी

‌‌‌‌‌‌एक गाव में किसन और उसका गरीब परिवार रहता था ।  किसन काफी अच्छा लड़का था वह सभी का भला करने की सोच रखता था । मगर क्या होता है की किसन एक बार अध्ययन करने के लिए शहर में जाता है और वहां पर उसका झगड़का कुछ ऐसे लोगो के साथ हो जाता है जो की काफी अमीर थे ।

वैसे अमीर लोगो की बात आ रही है तो आपका ‌‌‌बता दे की जो अमीर होते है वे अपनी अमीरी के कारण से काफी उछलते रहते है ।और अमीरी के कारण से जो कुछ करना चाहते है वह कर लेते है । उन अमीर लड़को का कहना हर कोई मानता था । और जो उनकी बात नही मानता था वह उन्हे सजा देते थे । और किसन ठहरा वहां पर नया नया । तो उसे इन सब बातो के बारे में पता नही था । और ‌‌‌जैसे ही किसन पहली बार विद्यालय में जाता है तो उन लोगो के साथ झगड़ा कर बैठता है । ओर इसके बाद में वे अमीर लड़के किसन से बदला लेने की योजना बनाते है । और वे सोचते है की आखिर किस तरह से किसन को सजा दी जाए।

शहर के अमीर लड़के स्कूल में ‌‌‌किसन को परेशान करने लगे तो सब कुछ अच्छे मजे में था। लेकिन किशन को यह नजर नहीं आया। वह उन बच्चों से शर्मिंदा और डरा हुआ महसूस करता था जो सोचते थे कि वे जो चाहें कर सकते हैं क्योंकि वे अमीर थे। और उनके पास एक बिंदु था: उनमें से कई सिर्फ इसलिए उन्हें उठा रहे थे क्योंकि वह एक गरीब परिवार से थे। किसन ने अपने लिए खड़े होने की कोशिश की, लेकिन वह जानता था कि वह हमेशा पर्याप्त मजबूत नहीं था। अंत में, उसने बस हार मान ली और स्कूल जाना पूरी तरह से बंद कर दिया। यह कठिन था, लेकिन अब कम से कम वह अपने घर में सुरक्षित महसूस कर रहा था।

स्कूल में ‌‌‌किसन को शहर के अमीर लड़कों द्वारा हमेशा परेशान किया जाता था। वे उसे गालियाँ देते और उसका मज़ाक उड़ाते। लेकिन, सब कुछ अच्छे मौज-मस्ती में होते हुए भी ‌‌‌किसन असहज और असुरक्षित महसूस कर रहा था। वह डराने-धमकाने की चिंता किए बिना, स्कूल जाना चाहता था और बस वही रहना चाहता था। ‌‌‌किसन ने फैसला किया कि वह अमीर लड़कों का सामना करेगा और उन्हें दिखाएगा कि वह उनसे नहीं डरता। वह उन्हें दिखाएगा कि वह उतना ही मजबूत था जितना वे थे, और वह उन्हें धमकाने से बचने नहीं दे रहा था।

‌‌‌मगर ऐसा नही हुआ । क्योकी जैसे ही किसन फिर से स्कुल पहुंचा तो उन अमीर लड़को ने किसन के साथ ऐसा कुछ कर दिया की वह अध्यापक के सामने गुनेहगार बन गया और अध्यापक ने किसन को पूरी कक्षा के सामने खरी खोटी सुना दी । किसन को समझ में नही आया की आखिर उसे किस बात के कारण से अध्यापक ने ‌‌‌खरी खोटी सुना दी ।

आखिरकार स्कूल से मुक्त होने के लिए ‌‌‌किसन बहुत उत्साहित था। दिन भर की कक्षाओं के बाद, आखिरकार वह घर जाकर आराम कर सकी। हालाँकि, आनंद अल्पकालिक था जब उसके शिक्षक ने फिर से उसके साथ दुर्व्यवहार किया। उसे बार-बार डांटा और अपमानित किया जाता था, और किशन को लगा कि उसके पास बचने का कोई रास्ता नहीं है। ‌‌‌इसी तरह से काफी समय तक चलता रहा ।

एक दिन जब ‌‌‌किसन स्कूल से अपने घर गया तो मकान मालिक ने उसे ‌‌‌खरी खोटी सुना कर घर से निकाल दिया। ‌‌‌किसन टूट गया। उसे कहीं जाना नहीं था और उसकी मदद करने वाला कोई नहीं था। सौभाग्य से, कुछ अजनबियों ने उसे अंदर ले लिया और उसे अपने पैरों पर वापस लाने में मदद की। ‌‌‌किसन अब उन लोगों के साथ सुरक्षित स्थान पर रह रहा है जो उसकी परवाह करते हैं, और वह आत्मविश्वास के साथ भविष्य की ओर देख रहा है।

‌‌‌जानिए खरी खोटी सुनाना मुहावरे का अर्थ क्या होगा

जब ‌‌‌किसन को पता चला कि स्कूल के अमीर लड़कों के कारण शिक्षक ने उसे बुरा-भला कहा, तो वह परेशान हो गया। वह हमेशा एक अच्छे छात्र रहे और उन्होंने कभी कोई परेशानी नहीं की। लेकिन जाहिर तौर पर, उसका अच्छा व्यवहार शिक्षक के लिए काफी अच्छा नहीं था। ‌‌‌किसन को समझ नहीं आया कि उसे क्यों निशाना बनाया जा रहा है और वह शर्मिंदा महसूस कर रहा था। लेकिन वह जानता था कि उसे अपनी समस्याओं का डटकर सामना करना होगा और उनसे सीखना होगा।

‌‌‌मगर किसन को पता था की वह स्कुल के अमीर लड़को से जीत नही सकता है । तो अंत में किसन ने हार मान ली और उनसे माफी माग ली । जिसके बाद में किसन अपना जीवन सही तरह से स्कुल में बिताने लगा था । और वे अमीर लड़के किसन को परेशान करना छोड़ देते है ।

तो इस तरह से किसन को बेवजह खरी खौटी सुननी पड़ रही ‌‌‌थी ।

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