dabe paon aana muhavare ka arth, दबे पाँव आना मुहावरे का अर्थ और वाक्य
अगर आप पांव को दबा लेते हो और फिर आते हो तो गया दबे पांव आना………….. मजाक कर रहे है ऐसा नही होता है । दरसल आपको बात दे की यह एक मुहावरा है और इसका जो मतलब जो होता है वह काफी अलग होता है । जिसके बारे में आपको जानकारी नही होगी तो कृपा लेख देखे और अच्छी तरह से मुहावरा समझे –
दबे पाँव आना मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा
मुहावरा हिंदी में (idiom in Hindi) | मतलब या अर्थ (Meaning in Hindi) |
दबे पाँव आना | चुप चाप आना या बिना आहट किए आना । |
दबे पाँव आना मुहावरे के अर्थ को समझने का प्रयास करे
वैसे पैर को ही पांव कहा जाता है और जब हम चलते है तो पैर के कारण से कुछ आवाज होती रहती है । और जब दबे पांव आया जाता है तो किसी तरह की आवाज नही होती है । यानि बिना की आवाज के चुप चाप आया जाता है । इस बात के आधार पर यह कहना गलत नही होगा की दबे पांव आना मुहावरे का अर्थ चुप चाप आना होता है ।
वैस जब चुप चाप आया जाता है तो किसी तरह की आवाज नही होती है । जिसे आहट न होना कहा जाता है तो इस तरह से दबे पांव आना का एक मतलब बिना आहट किए आना होता है ।
विद्वानो आपको ज्ञान का विकाश करना चाहिए और अर्थ के अलावा वाक्य भी देखना चाहिए
दबे पाँव आना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किजिए
1. वाक्य में प्रयोग – महेश कंपनी में काम करता है और काम से रात के दो बजे छुटता है जिसके कारण से वह दबे पांव घर में आकार सो जाता है ।
2. वाक्य में प्रयोग – इंडियन आर्मी ने दबे पांव जाकर आतंकवादियो को मार गिराया ।
3. वाक्य में प्रयोग – जब चोर को पता चला की पुलिस स्टेशन में लाखो के हिरे है तो चोर दबे पांव आकर चोरी करने की कोशिश की मगर पड़े गए ।
4. वाक्य में प्रयोग – दुश्मन देश की सेना भारत पर दबे पांव आकर हमला करने की कोशिश कर रही थी मगर इंडियन आर्मी ने मोके पर ही मार गिराया ।
5. वाक्य में प्रयोग – आजकल पुलिसकर्मी भी दबे पांव आते है और चोर को पकड़ लेते है ।
6. वाक्य में प्रयोग – शेर जैसे ही दबे पांव आकर अपना शिकार करने वाला था तभी हाथी ने आवाज कर कर जानवर को बंचा लिया ।
7. वाक्य में प्रयोग – कल रात को सेठजी रामू के घर बदे पांव आए थे जरूर कोई न कोई बात है ।
शेर ने दबे पांव आकर बंदर और बिल्ली पर हमला कर दिया, एक मजेदार कहानी
बहुत समय पहले की बात है किसी जंगल में एक बिल्ली और बंदर दो दोस्त रहा करते थे । जो की अपना जीवन काफी मोज मस्ती के साथ जीते थे उन्हे किसी चीज की कोई कमी नही थी वे जब भ चाहे उस समय अपना पेट आसानी से भर लेते थे । इस तरह के बंदर और बिल्ली थे ।
बिल्ली और बंदर जो थे उनमें दोस्ती काफी गहरी थी और अपनी जान की परवाह किय बिना दुसरो की जान बचाने की ताक्त रखते थे । वैसे इंसानो के अदंर तो इस तरह का होना आसान काम नही है मगर फिर भी जानवरो में यह आजकल ज्यादा ही देखा जाता है ।
बिल्ली जो थी वह बंदर को अपना मानती थी क्योकी एक बार बिल्ली जाल में फंस चुकी थी और इंसान उसे लेकर जाने ही वाले थे की बंदर ने उसे जाल से आजाद करवा दिया । और उसके बाद में दोनो दोस्त की रह रहने लगे थे । समय के साथ साथ सब बदल गया मगर बिल्ली और बंदर की जो दोस्ती थी वह और ज्यादा गहरी होती जा रही थी ।
उसी जंगल में एक शेर था जो की बंदर को हमेशा खाना चाहता था । शेर चाहता था की वह बंदर को मार दे और उसके मांस का स्वाद लिया जाए । और इसी कारण से शेर जो था वह हमेशा मोके की तलाश में रहता था ।
एक बार की बात है शेर काफी अधिक भुखा था । क्योकी उसने दो दिनो से कुछ नही खाया था । तो वह भोजन की तलाश में जंगल में इधर उधर फिर रहा तभी उसकी नजर पास के ही एक पेंड पर पड़ती है । और वहां पर जो बंदर था वह बिल्ली के साथ बैठा था । अब आपके मन में एक प्रशना आया होगा की आखिर बिल्ली पेड़ पर कैसे चली गई तो इसका उत्तर है की बंदर ने इसमें सहायता की थी ।
कहानी पर आते है की जैसे शेर ने बंदर को देखा तो उसे खाने की योजना बनाने लगा । मगर उसे पता था की बंदर को वह आसानी से निचे नही बुला सकता है । इस कारण से बंदर छीप गया और उनके निचे आने का इंतजार करने लगा था ।
करीब दो घंटे बित गए थे तब जाकर बंदर जो था वह जमीन पर आता है और उसके साथ ही बिल्ली भी आ जाती है । तब शेर को मन ही मन में खुशी महसुस होने लगी । क्योकी वह सोचने लगा था की आज तो वह दो तरह के भोजन को खाएगा और इसमें काफी मजा आने वाला है ।
कुछ समय के बाद में बंदर और बिल्ली जमीन पर खेलने लगे थे और शेर उन्हे देख कर दबे पांव उनके पास जाता है और अचानक उन पर हमला कर देता है । जिसके कारण से बंदर काफी घायल हो जाता है और बिल्ली उसे बचाने की कोशिश करती है जिसके कारण से बिल्ली भी मारी जाती है । अंत में शेर ने दोनो को मार दिया और उन्हे खाने लगा । और जब भोजन खत्म हो गया तो शेर वहां से चला गया ।
जब इस बारे में जंगल के जानवरो को पता चला की शेर ने दबे पांव आकर बिल्ली और बंदर को मार दिया है तो सभी को इस बात से काफी दुख हुआ था । क्योकी वे ही दो ऐसे दोस्त थे जिनके कारण से सभी जीवन में एक अच्छा दोस्त बनाना चाहते थे । मगर शेर ने ऐसा करकर कुछ बुरा नही किया था । क्योकी ऐसा करना शेर का जीवित रहने के लिए उपयोगी था । तो यह सही था ।
मगर जो भी हो शेर का जीवन इसी तरह से जंगल में चलता रहता था और समय बितता रहता था ।
इस कहानी से हमे समझ में आता है की जीवन में सफल होने के लिए दबे पांव कोशिश करता रहना चाहिए । एक दिन सफलता अवश्य मिल जाती है ।
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